किसी भी इंसान के जिंदा रहने के लिए तीन चीज बेहद जरूरी है हवा, पानी और अन्न। हवा के बिना तो कोई भी व्यक्ति ज्यादा देर तक सांस नहीं ले सकता। तो वहीं बिना पानी भी वो ज्यादा समय तक जिन्दा नहीं रह सकता है। अन्न के बिना तो वो कुछ दिन जीवित रह सकता है मगर हवा और पानी के बिना तो ज्यादा देर जीवित नहीं रह सकता। आपने सुना ही होगा जल ही जीवन है। पानी के बिना भी इंसान महज कुछ घंटों या दिनों तक ही जीवित रह सकता है। यही कारण है कि कहा जाता है कि शरीर में पानी की कमी न होने दें। जब भी प्यास लगे, तुरंत पानी पी लें। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हे बार-बार प्यास लगती है। क्या आप जानते हैं कि ज्यादा प्यास लगना एक बीमारी भी हो सकती है? इसके अलावा यह किसी अन्य बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं ज्यादा प्यास लगने के क्या कारण हैं…
नार्मल से ज्यादा प्यास लगने की परेशानी को डॉक्टरी भाषा में ‘पॉलीडिप्सिया’ कहा जाता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि इस परेशानी से पीड़ित इंसान की प्यास इतनी बढ़ जाती है कि वह चाहे कितना भी पानी पी ले, मगर उसकी प्यास बुझती ही नहीं है, जबकि वो कोई शारीरिक गतिविधि भी नहीं करते और ठंडे एनवायरनमेंट में रहते भी हैं।
पॉलीडिप्सिया के लक्षण क्या हैं?
इस बीमारी में बार-बार पानी पीना
ज्यादा पानी पीने के बाद भी प्यास का न बुझ पाना
हमेशा मुंह सूखना
मुंह से निकलने वाली थूक गाढ़ा हो जाना
ज्यादा प्यास लगने के अन्य कारण?
एक्सरसाइज करने के दौरान ज्यादा पसीना आने से
दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी होने से
अधिक मात्रा में पानी न पीने से
ज्यादा मसालेदार या ज्यादा नमक वाला भोजन करने से
चाय या कॉफी का ज्यादा सेवन करने से
ज्यादा पानी पीना क्यों है नुकसानदायक?
अधिक पानी पीने से शरीर में सोडियम की कमी हो सकती है और इसकी कमी से कमजोरी, थकान, ऊर्जी की कमी, सिरदर्द, दिल घबराना, मतली, उल्टी, चिड़चिड़ापन और मांसपेशियों में ऐंठन की परेशानी हो सकती है। गंभीर मामलों में मस्तिष्क में सूजन आ सकती है और हो सकता है इससे ग्रसित व्यक्ति को मिर्गी के दौरे भी पड़ सकते हैं, जिसके कारण मरीज कोमा में भी जा सकता है या मौत उसकी भी हो सकती है। इसलिए यदि आपको भी बार-बार प्यास लगती है तो आप इसे अनदेखा न करें और तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।