चीन की जिनपिंग सरकार ने ने ऑस्ट्रेलिया से आने वाले कोयले के आयात पर बैन लगा दिया है. अब इसे चीन की जिद कहें या फिर सत्ताधार कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) का घमंड कि इसकी वजह से देश के लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. चीन के फैसले की वजह से देश के कई हिस्से अंधेरे में डूबने को मजबूर हैं. दक्षिणी चीन के कई हिस्से दिसंबर और जनवरी में बिजली के भारी संकट का सामना कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस संकट की वजह ऑस्ट्रेलिया से आने वाली कोयीले की सप्लाई को बैन करना है.
60 प्रतिशत कोयला ऑस्ट्रेलिया का
साल 2019 में चीन ने बिजली बनाने के लिए जिस कोयले का प्रयोग किया उसमें 60 प्रतिशत योगदान ऑस्ट्रेलिया से आने वाले कोयले का था. चीन अपनी ऊर्जा जरूरतों को कोयले से ही पूरा करता है और 70 प्रतिशत का ऊर्जा के निर्माण में कोयले का ही प्रयोग होता है. इस वजह से ही चीन कार्बन डाई ऑक्साइड का सबसे ज्यादा इमीशन करता है और इसलिए ही अक्सर यूरोपियन यूनियन और अमेरिका के निशाने पर रहता है.ऑस्ट्रेलिया के अलावा चीन इंडोनेशिया, रूस और दक्षिण अफ्रीका से कोयले का आयात करता है. ऑस्ट्रेलिया को बैन करने के बाद चीन अब इन देशों से तेजी से कोयले का आयात कर रहा है.
सरकार के अलग-अलग दावे
दक्षिणी चीन के छांग्या प्रांत में रहने वाले लोगों ने कई ऐसे फोटोग्राफ्स पिछले दिनों वीबो पर शेयर की थीं जिसमें ब्लैक आउट की वजह से ऑफिस की बिल्डिंग्स में लिफ्ट तक रुकी पड़ी थीं. चाइना इलेक्ट्रिसिटी कमीशन के सेक्रेटरी जनरल झाओ छेनक्शिन का दावा है कि हर घर को उपभोग के लिए जरूरी बिजली सप्लाई की जा रही है.
वहीं चाइना नेशनल एनर्जी एडमिनिस्ट्रेशन के हांग जियानहुआ का दावा है कि ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना चीन की पांच साल की ऊर्जा योजना का हिस्सा है. सर्दियों में भी ब्लैक आउट जारी है और हालात बिगड़ते जा रहे हैं.
अप्रैल 2020 से खराब हैं रिश्ते
ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच स्थितियां पिछले वर्ष अप्रैल से ही खराब हैं. ऑस्ट्रेलिया दुनिया का वह पहला देश है जिसने मांग की थी कि कोरोना वायरस चीन से निकलकर दूसरे देशों तक कैसे फैला, इसकी जांच कराई जाए.
चीन के समुद्री इलाके तो सिर्फ कोयले पर ही निर्भर हैं जिसमें ऑस्ट्रेलिया से आने वाला कोयला भी शामिल है. हुनान प्रांत में तो बिजली की कटौती की वजह से मजदूर फ्लाइट्स की सीढ़ियों पर चढ़ गए थे क्योंकि लिफ्ट बंद हो गई थी. चीन में कोयले की कमी का मसला अब तूल पकड़ता जा रहा है.
सरकार ने लगाए कड़े प्रतिबंध
चीनी मीडिया के मुताबिक अधिकारी लगातार देशवासियों को भरोसा दिला रहे हैं कि उनकी जरूरतों को पूरा किया जाएगा. दिसंबर में हुनान प्रांत के अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि बिजली की मांग आने वाले दिनों में बढ़ने वाली है.
सरकार ने बिजली बचाने के लिए कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए जिसमें होर्डिंग्स से लेकर बिलबोर्ड्स तक की बिजली ऑफ करना शामिल है. इसके साथ ही सरकार ने इलेक्ट्रिक स्टोव और ओवंस को भी बैन कर दिया है. कई आफिसेज, सरकारी एजेंसियों, बिजनेस और वित्तीय संस्थानों में कैफेटेरियर पर हीटर्स तक बैन कर दिए गए हैं.