जोशीमठ (Joshimath Sinking) में सबसे निचले हिस्से में बसी जेपी कॉलोनी (Jp Colony) में भविष्य के खतरों (future threats) को देखते हुए असुरक्षित घरों (unsafe homes) को ध्वस्त किया जाएगा। इस संबंध में कंपनी के अधिकारियों को भी बता दिया गया है। डीएम से सर्वे कराकर रिपोर्ट मांगी गई है।
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया, आपदा प्रबंधन विभाग ने विशेषज्ञों की टीम के साथ रविवार को जोशीमठ का दौरा किया था। इस दौरान टीम जोशीमठ के सामने हाथीपांच पर्वत की तरफ भी गई थी। यहां से जोशीमठ के भूगोल को समझने की कोशिश की गई। देखने में आया कि जेपी कॉलोनी के ऊपर सिंहधार और सुनील की तरफ एक लाइन में नुकसान ज्यादा हुआ है। यहां स्पष्ट दिखाई देता है कि भू-धंसाव की दिशा क्या है। संभव है यहां कभी बड़ी जल धारा बहती होगी।
कहा, जेपी कॉलोनी में खतरे को देखते हुए असुरक्षित भवनों को ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है। सीबीआरआई की ओर से सर्वे करने के बाद असुरक्षित घरों को होटलों की तरह वैज्ञानिक तरीके से ध्वस्त किया जाएगा। बताया, केंद्र सरकार के स्तर पर सीबीआरआई की ओर से भवनों के क्षति का आकलन किया जा रहा है। इसके लिए क्रेक मीटर भी ऐसे भवनों पर लगाए गए हैं। अभी तक 400 घरों का क्षति का आकलन किया जा चुका है। बताया, सीबीआरआई की पांच वैज्ञानिकों के साथ 30 इंजीनियर काम कर रहे हैं।
नए घरों में दरारें नहीं, सर्वे में बढ़ रही संख्या
सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया, कुछ घरों और जमीन पर आई दरारों में एक से दो मिलीमीटर की वृद्धि हुई है, लेकिन नए घरों में दरारें नहीं आई हैं। कुछ घरों में हल्की दरारें बढ़ी हैं। दरारों की जांच के लिए क्रेक मीटर लगाए गए हैं। सर्वे में दरार वाले नए घर जुड़ रहे हैं, इसलिए प्रतिदिन इनकी संख्या बढ़ जाती है। इसे नया क्रेक नहीं कहा जा सकता है।
दो अन्य होटलों में दरारों को किया जा रहा मॉनीटर
सचिव डॉ. सिन्हा ने बताया, दो अन्य होटलों में दरारें आई हैं। सीबीआरआई की ओर से इनकी मॉनीटरिंग की जा रही है। अगर ध्वस्तीकरण की जरूरत हुई तो इन्हें भी पूरी प्रक्रिया अपनाने के बाद ध्वस्त कर दिया जाएगा।
पालिका क्षेत्र के अंतर्गत इन भवनों में आई हैं दरारें
वार्ड का नाम- दरार वाले भवन – असुरक्षित घोषित भवन
गांधीनगर – 154 – 28
पालिका मारवाड़ी – 53 – 00
लोवर बाजार – 38 – 00
सिंहधार – 139 – 84
मनोहरबाग – 131 – 27
अपर बाजार – 40 – 00
सुनील – 78 – 26
परसारी – 55 – 00
रविग्राम – 161 – 00
कुल – 849 – 165