कोरोना वायरस (Corona virus) की नई लहर ने चीन (China) में तबाही मचा दी है। बड़ी संख्या में लोग बीमार (sick large number of people) हैं और अस्पतालों में एक बेड के लिए तरस रहे हैं। सोशल मीडिया (social media) पर भी यह मुद्दा छाया हुआ है और चीनी जनता (Chinese People) जिनपिंग सरकार (Jinping Government) के प्रति नाराजगी व्यक्त कर रही है। रैपिड टेस्ट किट की भारी कमी के बीच, झेजियांग और अनहुई के साथ-साथ चोंगकिंग जैसे कई प्रांत एक नई नीति लागू कर रहे हैं। इसके तहत हल्के लक्षणों वाले या बिना लक्षण वाले लोगों को काम पर वापस जाने की अनुमति दी गई है।
चीन का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो जोकि ट्विटर के बराबर ही माना जाता है। उस पर इस ऐलान से संबंधित हैशटैग को अब तक 33 मिलियन से अधिक बार पढ़ा जा चुका है। लोगों में इसको लेकर गुस्सा है। 200 लाइक्स वाली एक टिप्पणी में लिखा है, “पिछले तीन सालों में कोई तैयारी नहीं की गई है और अचानक प्रतिबंध हटा दिए जाते हैं और बीमार होने पर आपको काम पर जाने की अनुमति दी जाती है। हमारा जीवन चींटियों की तरह बेकार है।” लगभग 1,000 लाइक्स वाली एक अन्य टिप्पणी में लिखा गया है, “कई महीने पहले, पॉजिटिव आने पर लोगों को काम पर जाने के लिए गिरफ्तार किया गया था।” वहीं, लोगों का यह भी कहना है कि वे जितने भी लोगों को जानते हैं, उन सभी को बुखार है।
वहीं, कई चीनी नागरिक जोकि होटल क्वारंटाइन की अवधि कम किए जाने के बाद हाल ही में देश वापस लौटे हैं, वे भी वायरस के बढ़ते कहर से परेशान और आश्चर्यचकित हैं। एक अन्य लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Xiaohongshu पर एक यूजर ने लिखा, ”विदेश में रहने के दौरान मुझे पिछले कुछ वर्षों में कभी भी कोविड नहीं हुआ था, लेकिन वापस आने के कुछ ही दिनों में हो गया। मुझे पता है कि सभी को कोविड हो रहा है और बुखार हो रहा है, इसलिए यदि आप हाल ही में देश से बाहर रह सकते हैं, तो न आएं।”
पिछले दो हफ्तों में चीन का इंटरनेट ऐसे पोस्ट्स से भर गया है, जहां पर लोग वायरस के बारे में ही बात कर रहे हैं और सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। चीनी सोशल मीडिया इन दिनों वायरस से संक्रमित लोगों के वीडियोज और तस्वीरों से भरे पड़े हुए हैं। वीबो पर ऐसे अनगिनत वीडियो हैं जिनमें लोग बिना जरूरत की दर्दनिवारक दवाएं ले रहे हैं और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचा रहे हैं। चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आमतौर पर पॉजिटिव स्टोरीज को ही बढ़ाते हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटे से #PersistentDoctorsandNursesWorkHard हैशटैग ट्रेंड कर रहा है, जहां पर प्रशंसा की जा रही है। लेकिन स्वतंत्र साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट पिछले हफ्ते से रिपोर्ट कर रहा है कि कैसे बेहतर सैलरी और चीन की अग्रिम पंक्ति पर सुरक्षा की मांग कर रहे मेडिकल छात्रों द्वारा नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। सरकारी मीडिया में इनका कोई जिक्र नहीं किया गया है।
एक करोड़ से अधिक यूजर्स ने पिछले 24 घंटे में एक वीडियो को देखा है, जहां पर एक व्यक्ति घुटनों के बल बैठकर अपने बच्चे के इलाज के लिए ग्वांगडोंग की एक फीवर क्लीनिक में इलाज के लिए भीख मांग रहा है। यहां पर मामले सबसे अधिक हैं। डॉक्टर उस शख्स को जवाब देते हैं कि मैं भी घुटनों पर ही हूं। यहां पर छह-आठ घंटों तक ऐसे ही लंबी लाइनें लगी रहती हैं। हर कोई इंतजार कर रहा है और उसमें बच्चे और बुजुर्ग, दोनों शामिल हैं। आप अकेले नहीं हैं। इस तरह के मामलों से पता चलता है कि चीन में कोरोना वायरस की वजह से हालात कितने ज्यादा खराब हो चुके हैं।