कानपुर (Kanpur) देहात के रूरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव में अतिक्रमण हटाने (encroachment removal) के दौरान झोपडी में मां-बेटी की जलकर हुई मौत के मामले में पीड़ित परिवार धरने पर बैठ गया है. परिजनों ने मौके से शवों को उठाने से मना कर दिया है. परिवार की मांग है कि जब तक मुख्यमंत्री (Chief Minister) या डिप्टी सीएम नही आएंगे, तक हम शव नहीं उठाएंगे.इसके साथ ही बुलडोजर चलाने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है.
इस घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है. वीडियो में जमीन पर घर का ढेर सारा सामान फैला हुआ दिख रहा है. सामने जलती हुई आग की लपटें दिख रही हैं. दो लोगों के जोर-जोर से बिलखने की आवाज आ रही है. अनुमान है कि ये दोनों कृष्ण गोपाल (Krishna Gopal) और उनका बेटा शिवम हैं. वीडियो में ‘शिवम’ बोल रहा है कि देखो… भैया देखो, मेरी मम्मी जल रही हैं. ये सब गाड़ी छोड़कर भी चले गए हैं.
मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात का है. यहां रूरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव में रहने वाले कृष्ण गोपाल दीक्षित पर ग्राम समाज की जमीन पर अतिक्रमण का आरोप है. जनवरी में राजस्व विभाग की टीम ने कृष्ण गोपाल के खिलाफ जमीन पर कब्जा करने का मामला दर्ज कराया था. इसी सिलसिले में एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में राजस्व विभाग, पुलिस और प्रशासन की टीम वहां अतिक्रमण हटाने पहुंची.
टीम ने वहां पहुंचकर कृष्ण गोपाल की झोपड़ी पर बुलडोजर चलवा दिया. झोपड़ी पर बुलडोजर एक्शन के दौरान परिवार की प्रशासन से नोकझोंक हुई. इस दौरान ही झोपड़ी में आग लग गई और देखते ही देखते कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित और 23 साल की बेटी नेहा जिंदा जल गईं.
घटना के बाद ग्रामीण बुरी तरह से आक्रोशित हो गए. भीड़ ने मौके पर मौजूद प्रशासन की टीम को खदेड़ दिया. लेखपाल की गाड़ी पलट दी. तनाव बढ़ता देख मौके पर भारी पुलिस बल के साथ PAC की टुकड़ी भी तैनात कर दी गई. मामला बढ़ता देख कानपुर के कमिश्नर, ADG और IG भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने ग्रामीणों को कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया.
परिवार ने लगाए संगीन आरोप
पीड़ित परिवार का आरोप है कि जिस समय झोपड़ी पर बुलडोजर चलाया गया, उस समय झोपड़ी के अंदर कृष्ण गोपाल की पत्नी और बेटी मौजूद थीं. जैसे ही बुलडोजर झोपड़ी पर चला, उसमें आग लग गई और दोनों महिलाएं जिंदा जल गईं. हालांकि, इस मामले पर पुलिस-प्रशासन ने भी सफाई दी है.
समाजवादी पार्टी ने मामले में ट्वीट कर कहा है कि मृतक का बेटा नाम लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के दोषी ठहरा रहा है. सपा ने सवाल पूछा है कि आप (UP सरकार) लोग हत्या, हत्या की साजिश, वसूली ,धमकाने जैसी संगीन धाराओं में दोषी इन सभी अधिकारियों पर मुकदमा लिख कर कब जेल भेजेंगे? जब से नए कमिश्नर आए हैं नोएडा जैसी वसूली और जमीन के धंधों में जुटे हैं. सपा चीफ अखिलेश यादव ने भी अपने ट्विटर हैंडल से इस ट्वीट को शेयर किया है.
घटना पर ये है पुलिस का पक्ष
घटना के संबंध में कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एक टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची थी. टीम की कार्रवाई शुरू होने के बाद महिला और उसकी बेटी ने खुद को झोपड़ी में बंद कर लिया और आग लगा ली. दोनों की मौत हो गई. मामले की जांच की जा रही है. पूछताछ भी जारी है. जो भी आरोपी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
अब तक क्या कार्रवाई हुई?
घटना के बाद परिजनों की शिकायत पर कई अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. जिन अफसरों के खिलाफ FIR हुई है, उनमें SDM मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, रूरा SHO दिनेश कुमार गौतम, लेखपाल अशोक सिंह, JCB ड्राइवर दीपक, मड़ौली गांव के निवासी अशोक, अनिल, निर्मल और विशाल का नाम शामिल है. इसके अलावा 10 से 12 अज्ञात सहयोगियों, 3 लेखपाल और 12 से 15 महिला और पुरुष पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है.
सभी पर हत्या (302) और हत्या की कोशिश (307) सहित कुल 6 धाराओं में मामला दर्ज हुआ है. बताया जा रहा है कि कृष्ण गोपाल दीक्षित की झोपड़ी पर एक महीने पहले भी बुलडोजर एक्शन लिया गया था. तब परिवार रात के समय जिलाधिकारी नेहा जैन के कार्यलय पहुंचा था.