कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कई नेताओं और उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ अधिकारियों ने अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर (Ram Mandir) के आसपास की जमीनों को औने-पौने दाम पर खरीदा है और जमीन की यह ‘लूट’ साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद की गई है. पार्टी महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘चंदे की लूट’ और ‘जमीन की लूट’ पर जवाब देना चाहिए और पूरे प्रकरण की जांच करानी चाहिए.
उन्होंने मीडिया से बातचीत में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के कुछ विधायकों और स्थानीय प्रशासन के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के नाम का उल्लेख किया और दावा किया कि बीजेपी के लोगों ने ‘रामद्रोह’ किया है, जिसके लिए वे पाप और शाप के भागी हैं. कांग्रेस के इस दावे पर फिलहाल बीजेपी या उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. सुरजेवाला ने कहा, “पहले मंदिर के नाम पर चंदे की लूट की गई और अब संपत्ति बनाने की लूट हो रही है. साफ है कि भाजपाई अब रामद्रोह कर रहे हैं. जमीन की सीधे लूट मची हुई है. एक तरफ आस्था का दीया जलाया गया और दूसरी तरफ बीजेपी के लोगों द्वारा जमीन की लूट मचाई गई है.”
उन्होंने दावा किया, ”अब नया खुलासा हुआ है कि निर्माणाधीन राम मंदिर के निकट की जमीनें बीजेपी के विधायकों, महापौर, ओबीसी आयोग के सदस्य और प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा औने-पौने दाम पर खरीद ली गई हैं. यहां तक कि दलितों की जमीनों को भी हड़प लिया गया है. राम मंदिर मामले को लेकर न्यायालय का फैसला आने के बाद यह सब किया गया.” कांग्रेस नेता ने कहा, “भगवान श्रीराम आस्था, विश्वास, मर्यादा और सनातन के प्रतीक हैं. लेकिन BJP के लोग उनके नाम पर भी लूट का धंधा चला रहे हैं. प्रधानमंत्री जी बताएं कि आप अपना मुंह कब खोलेंगे? प्रधानमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि (वह) चंदे की लूट और जमीन की लूट की जांच कब कराएंगे?” अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस में बुधवार को छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रस्तावित राम मंदिर के 5 किलोमीटर के दायरे में विधायकों से लेकर बड़े अधिकारियों के रिश्तेदारों तक ने काफी जमीन खरीदी हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि ये जमीन महंगे दामों में लिए गए हैं.