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आतंकी संगठनों की हाइलेवल बैठक, भारत में हमलों और घुसपैठ बढ़ाने की तैयारी

जैसे जैसे सर्दी बढ़ने वाली है वैसे वैसे सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें बढ़ सकती हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि आतंकी समूह सियालकोट-शकरगढ़ और भिम्बर-समानी सेक्टरों के जरिए भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं। इन सेक्टरों का प्रयोग पहले भी आतंकियों द्वारा घुसपैठ के लिए किया जाता रहा है। दरअसल जैसे-जैसे ठंड बढ़ती है वैसे-वैसे धुंध और कोहरे का कहर भी बढ़ता जाता है इसी का फायदा उठाते हुए आतंकी सीमा के उस पार से इस पार आने की कोशिश में लगे रहते हैं।

Jammu and Kashmir: 2 BSF jawans killed in Srinagar terrorist attack | India  News – India TV

मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक भारतीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए एक डोजियर के अनुसार जैश कमांडर मुफ्ती मोहम्मद असगर खान, लश्कर, जेईएम, हिजबुल मुजाहिदीन (HM) और तालिबान सहित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों के बीच बैठकों की इस दौरान एक सीरीज हुई, जो कि जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों की प्लानिंग को लेकर थी।

Series of terror attacks claim 4 jawans' lives in Jammu and Kashmir

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन आतंकी संगठनों का इरादा जम्मू और दक्षिण कश्मीर को दहलाने का है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए एक डोजियर के मुताबिक, इन सेक्टरों के जरिए भारत में घुसे आतंकियों ने नगरोटा आर्मी कैंप (नवंबर 2016), सुजवान (फरवरी 2018), झज्जर कोटली (सितंबर 2018) और नगरोटा टोल प्लाजा को अपना निशाना बनाया था। इस दौरान आतंकी शकरगढ़ के बीन नुल्लाह इलाके के रास्ते जम्मू-कश्मीर में घुसे थे। जेईएम के कई आतंकियों ने इस रास्ते भारत में घुसपैठ की है। इसमें जेईम के मुखिया मसूद अजहर के बेटे उमर और उस्मान भी शामिल हैं। इसके अलावा 1999 के आईसी-814 हाईजैकिंग में शामिल मुख्य आरोपी और मसूद अजहर का बड़ा भाई अजहर इब्राहिम, मुफ्ती रऊफ असगर, मोहम्मद इस्माइल और बालाकोट कैंप में विस्फोटक प्रशिक्षक रशीद गाजी जैसे हाई प्रोफाइल आतंकवादियों ने 2018 में भारत में घुसपैठ की।