अपने बयानों के कारण सुर्खियों में बने रहने वाले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सांसद (MP) मोहम्मद आजम खान (Mohammad Azam Khan) की मुश्किलें फिलहाल बढ़ती ही जा रही हैं. गुरुवार की देर शाम आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है. मामला गलत जन्मतिथि का बताया जा रहा है. जिस पर आजम के बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ कोतवाली स्वार में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125-ए के तहत यह एफआईआर दर्ज हुई है. बता दें, आजम के बेटे स्वार विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं और जब उन्होंने यहां से चुनाव लड़ने के लिए शपथ पत्र भरा था. तब उन्होंने अपनी गलत जन्मतिथि बताई थी. जिस पर एफआईआर दर्ज हुई है. ये मामला स्वार के एसडीएम सोमपाल सिंह द्वारा दर्ज कराया गया है.
पहले से दर्ज हैं कई मामले
आजम खान के बेटे पर पहले से ही कई मामले दर्द हैं. अब्दुल्ला पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचने, जबरन लोगों को संपत्ति हड़पने जैसे केस दर्ज हैं. जिन पर उन्हें राहत नहीं मिली है और अब एक और मुसीबत गले पड़ गई है. अब्दुल्ला पर चुनाव आयोग में गलत सूचना देने और शपथपत्र में गलत जानकारी देने के मामले पर पूर्व मंत्री नवाज काजिम अली खान ने आयोग से शिकायत की थी. जिस पर चुनाव आयोग ने अब एक्शन लेते हुए उसी पत्र के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू की है. इस केस के दर्ज होने से एक बार फिर पिता और बेटे मुश्किल में नजर आ रहे हैं.
मालूम हो कि, जिस दिन से उत्तर प्रदेश की कमान योगी आदित्यनाथ के हाथों में आई है. तभी से आजम खान लगातार मुश्किलों से घिरे हुए हैं. एक बार तो आजम को भू-माफिया तक घोषित कर दिया गया. तो वहीं जौहर यूनिवर्सिटी में किसानों की जमीन हड़पने के आरोप में करीब 27 किसानों ने आजम पर केस दर्ज कराए. इसके अलावा आजम पर लूटपाट और मकाने तोड़ने के भी मामले दर्ज हो चुके हैं. आजम और उनका बेटा अब्दुल्ला के साथ-साथ उनकी पत्नी के ऊपर भी कई आरोप लगे हैं. इस समय सपा पार्टी के दिग्गज नेता आजम और बेटा सीतापुर जेल में बंद हैं. जेल में रहते हुए ही अब्दुल्ला का सामना एक नई मुसीबत से हुआ है. जिससे परिवार में फिर से हलचल पैदा हो गई है. बता दें, आजम खान कई विवादित बयानों को लेकर भी चर्चाओं में रह चुके हैं. आजम भरी सदन में महिला सांसद पर भी अभद्र टिप्पणी दे चुके हैं. जिस पर पूरे सदन ने एकजुटता दिखाई थी और फिर आजम को माफी मांगनी पड़ी थी. हालांकि, जिस तरह का व्यवहार आजम ने सदन में दिखाया था. उसी तरह का व्यवहार उनका सदन के बाहर रहा है.