समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल और धारा 144 के उल्लंघन के मामले में अखिलेश यादव समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ निचली अदालत में चल रही प्रोसीडिंग्स पर रोक लगा दी है. जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल ने अधिवक्ता इमरान उल्ला खां और विनीत विक्रम की दलीलों को सुनकर यह आदेश दिया.
गौरतलब है कि याचिका में निचली अदालत में चल रही प्रोसिडिंग्स और चार्जशीट रद्द किए जाने की मांग की गई थी. अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी समेत 14 नामजद और 300-400 अज्ञात के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट ग्रेटर नोएडा के दादरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. आरोप है कि 3 फरवरी 2022 को अखिलेश यादव ने लोक दल राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ चुनाव प्रचार के लिए जुलूस निकाला, जिसमें कोविड-19 के तहत जारी शासन के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया गया. जिससे महामारी बढ़ने का खतरा उत्पन्न हुआ. इसके अलावा धारा 144 सीआरपीसी का भी उल्लंघन किया गया.
दादरी थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर नीरज कुमार की ओर से यह एफआईआर दर्ज कराई गई है. आईपीसी की धारा 188, 269,270 व महामारी अधिनियम 3 और 4 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है. इतना ही नहीं आदर्श चुनाव आचार संहिता का भी उल्लंघन किया गया. एफआईआर में नामजद लोगों में राजकुमार भाटी, इंद्रप्रधान, महेंद्र भाटी, श्याम सिंह भाटी, कुलदीप भाटी, सुधीर, हारुन सैफी, जुल्फकार मलिक, नसरू मैम्बर, तौफीक अली, साबिर नेताजी और दानिश के नाम शामिल हैं. इस मामले में विवेचक नागेंद्र पाल सिंह ने विवेचना पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर दी थी, जिसका ट्रायल कोर्ट ने संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू कर दिया है.