मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) में भाजपा (BJP) ने तीन केंद्रीय मंत्री समेत सात सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा था। इसमें से दो मंत्री समेत पांच सांसद चुनाव जीते हैं। वहीं, एक केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते (Union Minister Faggan Singh Kulaste) और सतना से सांसद गणेश सिंह (Satna MP Ganesh Singh) चुनाव हार गए हैं। अब जीते सांसदों को 14 दिनों में संसद की सदस्यता को लेकर निर्णय लेना होगा। ऐसा नहीं करने पर तय दिनों बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता स्वत: ही समाप्त हो जाएगी।
हालांकि, लोकसभा के चुनाव में पांच माह का ही समय बाकी है। ऐसे में वे सभी जीते सांसद अपना इस्तीफा देंगे, जिनको प्रदेश सरकार में कोई बड़ा पद मिलने की संभावना है। जानकारी के अनुसार मंगलवार शाम को दिल्ली में भाजपा संसदीय दल की बैठक हो सकती है। इसमें मध्य प्रदेश समेत भाजपा द्वारा जीते गए तीनों राज्यों के मुख्यमंत्री और दिग्गजों को लेकर निर्णय हो सकता है।
सोमवार सुबह कई नेता दिल्ली पहुंचे
उधर, संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया। इसमें शामिल होने के लिए सांसद दिल्ली पहुंचे। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल व ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार रात को ही दिल्ली रवाना हो गए थे। प्रह्लाद पटेल ने सोमवार को मध्य प्रदेश में जीत के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी सोमवार को दिल्ली पहुंचे। इसके बाद प्रदेश की सियासी हलचल बढ़ गई। दरअसल, इससे पहले विजयवर्गीय यह बयान दे चुके हैं कि प्रदेश का मुख्यमंत्री का नाम दिल्ली से ही तय होगा। वहीं, इंदौर में उनको सीएम बनाने को लेकर लॉबिंग भी शुरू हो गई है। उनके समर्थित विधायक रमेश मेंदोला ने उनको मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर दी है। हालांकि, पार्टी के नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री के नाम का फैसला विधायक दल की बैठक में होगा।
सीएम से मुलाकात करने पहुंचे विधायक
वहीं, भोपाल में भी सोमवार को पार्टी मुख्यालय से लेकर सीएम हाउस तक हलचल रही। मुख्यमंत्री निवास पर भी सीएम शिवराज से मिलने नए विधायक पहुंचते रहे। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रदेश मुख्यालय में कई नेताओं से मुलाकात की और फोन पर भी जीते हुए विधायकों से चर्चा की।