समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपने चाचा शिवपाल यादव को सीट देने का अवसर दिया था। इस एक सीट देने के ऑफर को शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने क्रूर मजाक बताया है। असल में, शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) से गंठबंधन पर सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि उनकी पार्टी शिवपाल यादव के खिलाफ चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारेगी और शिवपाल को सरकार बनने पर काबीना मंत्री बनाने का ऑफर भी दिया था। अखिलेश द्वारा दिए गए इस ऑफर पर शिवपाल ने बताया कि यह ऑफर देकर उनके साथ क्रूर मजाक किया गया है।
शिवपाल यादव ने आगे बताया कि अब वे आगे बढ़ चुके हैं और उनकी पार्टी राज्य में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लड़ने के लिए बिलकुल तैयार है। उन्होंने इटावा में जिला सहकारी बैंक की 71वीं सालाना बैठक के बाद अखिलेश की तरफ से दिये गये ऑफर पर नाराजगी जताते हुए कहा कि छोटे-छोटे दलों और एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के साथ गठबंधन कर विरोधियों को उनकी हैसियत बताएगी। शिवपाल ने कहा कि वे गैर भाजपाई दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। शिवपाल ने बताया कि हमारी पार्टी का गठबंधन गैर भाजपाई होगा। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) छोटे दलों के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के साथ गठबंधन का भी प्रयास किया जायेगा लेकिन उन्होंने उस बड़ी पार्टी के नाम का नहीं लिया।
सपा में जाने या समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर शिवपाल ने कहा कि बहुत इंतजार किया जा चुका है। अब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) अपने कदम कभी वापस नहीं लेगी। हमारा चुनाव चिन्ह चाबी है और उसी पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। डा. लोहिया की तरह गैर भाजपावाद की राह पर चलकर सभी सेक्युलर दलों को इकठ्ठा करना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रसपा की उत्तर प्रदेश में इतनी ताकत है कि 2022 विधानसभा चुनाव में प्रसपा के बिना किसी की भी सरकार नहीं बन पायेगी।