उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर हो रहा इंतजार जल्द खत्म हो जाएगी। पंचायत चुनाव में आरक्षण वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा या फिर वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनाव के बाद चक्रानुक्रम के अनुसार होगा। इसे जानने के लिए शासनादेश का इंतजार किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ दिनों में आरक्षण से जुड़ा शासनादेश जिलों में पहुंचने की उम्मीद है। इससे पहले जिला स्तर पर आरक्षण से जुड़ी सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
आगामी मार्च-अप्रैल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने प्रस्तावित हैं। इसके लिए वार्डों का परिसीमन का कार्य पूरा कर लिया गया है। मतदाता पुनरीक्षण का अनंतिम प्रकाशन होने के बाद आपत्तियों का निस्तारण किया जा रहा है। 5 फरवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया जाएगा। जहां तक मैनपुरी जनपद की बात है तो इस बार जनपद में 30 जिला पंचायत सदस्य और 761 क्षेत्र पंचायत सदस्य पदों के लिए चुनाव होगा।
इसके अलावा 549 ग्राम प्रधानों का चुनाव होगा। वर्ष 2015 की अपेक्षा इस बार 2 जिपं सदस्य, 38 बीडीसी और 11 ग्राम प्रधानों का चुनाव कम होगा। विभागीय सूत्रों के मुताबिक आरक्षण को लेकर शासनादेश अगले कुछ दिनों में आ जाएगा।
प्रधान पद के दावेदारों की तैयारियां जोर-शोर से शुरू
पंचायतों में आरक्षण को लेकर भले ही इंतजार हो रहा हो लेकिन गांवों में प्रधान पद के दावेदारों की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। सुबह होते ही मतदाताओं के आगे दोनों हाथ जोड़कर अभिवादन किया जा रहा है। सुबह से लेकर देर रात तक छोटी-छोटी बैठकों का दौर शुरू हो गया है। जिसमें ये परिवार किस दावेदार की ओर है, ये कैसे हमारे पक्ष में आएगा ऐसी बिसात बिछाई जा रही है। वहीं मतदाताओं में भी ये दावेदार अच्छा है, ये शिक्षित है, ये सही विकास कराएगा इस तरह की चर्चाएं चल रही हैं। पंचायतों में आरक्षण प्रक्रिया को लेकर शासनादेश का इंतजार है। आरक्षण को लेकर विभागीय तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।