सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले (Taking money and asking questions cases) में लोकसभा से निष्कासन (Expulsion from Lok Sabha) के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा (Trinamool Congress leader Mahua Moitra) की याचिका पर आज सुनवाई करेगा। जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच मामले की सुनवाई करेगी। मोइत्रा ने बुधवार को अपनी याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था। इसके बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आश्वासन दिया था कि शीर्ष अदालत तत्काल सूचीबद्ध करने के अनुरोध पर विचार करेगी।
पिछले हफ्ते मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। मोइत्रा ने उनके निष्कासन की सिफारिश करने वाली लोकसभा की आचार समिति पर पर्याप्त सबूत के बिना फैसले लेने और मनमानी का आरोप लगाया है। महुआ मोइत्रा ने अपनी याचिका में अयोग्यता को चुनौती देने के साथ आचार समिति के निष्कर्षों पर चर्चा के दौरान लोकसभा में खुद का बचाव करने की अनुमति नहीं दिए जाने की बात कही है।
गौरतलब है कि लोकसभा सदस्यता छीने जाने के खिलाफ महुआ मोइत्रा ने सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कैश के बदले सवाल मामले में घिरने और आचार समिति की तरफ से लोकसभा में रिपोर्ट रखे जाने के बाद सदन के अध्यक्ष ने उन्हें निष्कसित कर दिया था। इसी के खिलाफ टीएमसी सांसद सर्वोच्च न्यायालय पहुंचीं हैं।
पैसे लेकर सवाल पूछने का पूरा मामला क्या है?
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में सवाल पूछने का आरोप है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और उनके खिलाफ लोकसभा स्पीकर से शिकायत कर जांच की मांग की। उन्होंने दावा किया था कि ये सबूत वकील जय अनंत देहादराई द्वारा प्रदान किए गए थे।
लोकसभा स्पीकर को लिखे अपने पत्र में दुबे ने कहा था कि उन्हें वकील और महुआ के पूर्व दोस्त जय अनंत का एक पत्र मिला है, जिसमें उन्होंने मोइत्रा और जाने-माने बिजनेस टाइकून दर्शन हीरानंदानी के बीच सवाल पूछने के लिए रिश्वत के आदान-प्रदान के सबूत साझा किए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि जय ने एक विस्तृत शोध किया है जिसके आधार पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला है कि हाल ही में, मोइत्रा ने संसद में उनके द्वारा पूछे गए कुल 61 में से लगभग 50 प्रश्न दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों को बचाने के लिए थे। हालांकि, महुआ मोइत्रा ने जय अनंत का जिक्र करते हुए कहा कि आरोप झूठ पर आधारित थे।
आरोप यह भी है कि कारोबारी हीरानंदानी अलग-अलग स्थानों से एवं अधिकतर दुबई से सवाल पूछने के लिए मोइत्रा की ‘लॉगइन आईडी’ का इस्तेमाल करते थे। इन आरोपों के सामने आने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने पूरा मामला आचार समिति के पास भेज दिया था।