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सहारनपुर : एक माह बाद भी मौजूदा पेराई सत्र का भुगतान शुरू नहीं, 230 करोड़ पिछले सत्र का है बकाया

रिर्पोट :- गौरव सिंघल, वरिष्ठ संवाददाता, सहारनपुर मंडल।
 
सहारनपुर (दैनिक संवाद न्यूज ब्यूरो)। चीनी मिलों का नया पेराई सत्र शुरू हुए एक माह बीत गया है और जनपद की छह चीनी मिलों ने इस दौरान 76॰31 लाख क्विंटल गन्ना पेराई की और 6॰94 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया लेकिन इस दौरान गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया जबकि नियमानुसार 14 दिन के भीतर गन्ना भुगतान किया जाना आवश्यक है। जिला गन्नाधिकारी कृष्ण मोहन मनि त्रिपाठी ने आज बताया कि सहारनपुर की पांच चीनी मिलों की ओर पिछले पेराई सत्र का ही 230 करोड़ रूपए अभी तक बकाया है।
देवबंद चीनी मिल जिले की ऐसी अकेली चीनी मिल है जिसकी ओर पिछले पेराई सत्र का गन्ना मूल्य भुगतान बकाया नहीं है। त्रिपाठी ने बताया कि नानौता और सरसावा चीनी मिलों की ओर से भरोसा दिया गया है कि वे पिछले बकाया का भुगतान 20 दिसंबर तक कर देंगे। नानोता की ओर पिछला बकाया 5576॰66 लाख रूपए और सरसावा के ऊपर 2805॰72 लाख रूपए बकाया है। त्रिपाठी ने बताया कि चालू पेराई सत्र में देवबंद ने अभी तक 20॰93 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई करके 1॰08 लाख क्विंटल चीनी उत्पादन किया है और उसकी ओर 6697॰60 लाख रूपए बकाया है। गांगनौली चीनी मिल ने 20॰47 लाख क्विंटल गन्ना पेराई करके 1॰81 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है।
उसकी ओर 6550॰40 लाख रूपए बकाया है। इस चीनी मिल की ओर पिछले पेराई सत्र का 10583॰81 लाख रूपया भी बकाया है। शेरमऊ चीनी मिल ने अभी तक 12॰37 लाख क्विंटल गन्ना पेराई की है और 1॰27 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। इसकी ओर वर्तमान पेराई सत्र का 3956॰92 लाख रूपए और पिछले पेराई सत्र का 3658॰91 लाख रूपए बकाया है। नानौता सहकारी चीनी मिल ने 6॰67 लाख क्विंटल गन्ना पेराई की है और 0॰57 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। इसकी ओर चालू पेराई सत्र का 2134॰40 लाख रूपया बकाया है। सरसावा चीनी मिल ने 6॰29 लाख क्विंटल गन्ना पेराई किया है। 0॰61 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है और इसकी ओर चालू पेराई सत्र का 2011॰96 लाख रूपया बकाया है। जिला गन्नाधिकारी कृष्ण मोहन मनि त्रिपाठी ने चीनी मिल प्रशासकों को निर्देश दिया कि यदि उन्होंने फरवरी तक भुगतान नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी और बकाया मूल्य पर ब्याज भी वसूला जाएगा। इसी के साथ जिला गन्नाधिकारी ने किसानों द्वारा गन्ने की पत्ती जलाए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि इससे वायु प्रदूषण बिगड़ रहा है। किसान अगर पत्ती जलाना बंद नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।