रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच चल रही जंग के 306 दिन पूरे हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की संस्था ऑफिस ऑफ द हाई कमीश्नर (Office of the High Commissioner- ओएचसीएचआर) के अनुसार जंग में अबतक यूक्रेन के 17,595 लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। इस अनुसार बीते 306 दिनों में रूसी सेना (Russian army) के हाथों हर दिन 57 लोगों (57 people died every day) की जान गई है। युद्ध में मारे गए स्थानीय लोगों की संख्या करीब 6826 हैं। कीव स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (केएसई) के अनुसार सितंबर 2022 तक यूक्रेन की अर्थव्यवस्था (ukraine economy) को कुल करीब 12,700 करोड़ डॉलर (12,700 million dollar damage) की क्षति हुई है, जिसकी भरपाई में लंबा वक्त लग सकता है।
विश्व बैंक के अनुसार यूक्रेन की अर्थव्यवस्था इस साल 35 फीसदी तक सिकुड़ी है। यूक्रेन को दोबारा संवारने के लिए 34,900 करोड़ डॉलर की जरूरत होगी। ये रकम युद्ध से पहले यूक्रेन की अर्थव्यवस्था के डेढ़ गुना के बराबर है। ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) के अनुसार दो देशों की लड़ाई में दुनिया की अर्थव्यवस्था भी चोटिल हुई है। युद्ध से पहले वैश्विक अर्थव्यवस्थ को 3.1 फीसदी की दर से विकास करना था जो घटकर 2.2 फीसदी हो गई है।
रूस को आखिर हासिल क्या हुआ?
इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर (आईएसडब्ल्यू) के अनुसार 300 दिन के युद्ध में रूस ने चार शहरों में अपना कब्जा जमाया है। इसमें खेरसॉन, दोनेत्सक, लुहांस्क और जेपोरिजिया के कुछ हिस्सों में रूसी सेना का कब्जा है। कोई भी शहर पूर्ण रूप से रूसी सेना के कब्जे में नहीं है। यूक्रेन की सेना ने हाल ही में खेरसॉन का एक बड़ा क्षेत्र दोबारा अपने कब्जे में ले लिया है।
78.3 लाख लोग अपना घर छोड़ भागे
जंग के भयावह हालात के बीच यूक्रेन से 78.3 लाख लोग अपना घर-बार छोड़कर भाग गए हैं। वहीं 65 लाख लोग अपना सबकुछ छोड़कर यूक्रेन में ही नया ठिकाना बना चुके हैं। यही नहीं 437 बच्चे की जान युद्ध में चली गई है। युद्ध के भयावह मंजर को देखने वाले लाखों बच्चे मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।
बिना बिजली पानी के लाखों लोग
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार युद्धग्रस्त यूक्रेन में एक करोड़ से अधिक लोगों को आधी अधूरी बिजली, पानी अस्पताल जैसी सुविधा मिल रही है। लाखों लोग ऐसे हैं जो बिना बिजली के जीवन जी रहे हैं। यही नहीं लाखों की संख्या में बच्चे ऐसे हैं जिनको जरूरत के अनुसार खाना तक नहीं मिल पा रहा है।
बमबारी में 1.35 लाख भवन तबाह
केएसई के अनुसार रूस की सैन्य कार्रवाई में सबसे ज्यादा नुकसान यूक्रेन की बहुमंजिला इमारतों को हुआ है। रूस की बमबारी से पूरे यूक्रेन में 1.35 लाख भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अगर इन्होंने दोबारा बनाया जाए तो 5050 करोड़ डॉलर का खर्च आएगा।
प्रतिबंधों से रूस पर चौतरफा हमला
अमेरिका समेत यूरोपीय देशों ने प्रतिबंधों से रूस पर चौतरफा हमला किया। उद्योगपतियों, आयात- निर्यात के साथ तेल और गैस आपूर्ति पर प्रतिबंधों से अर्थव्यवस्था डोली। महंगाई दर 14 फीसदी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि 2023 में भी यही हाल रहेगा।
यूरोपीय देशों को भी नुकसान हुआ
अमेरिका समेत यूरोपीय देशों ने जब रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाना शुरू किया तो उसका नुकसान उन्हें भी हुआ। ब्रिटेन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों की सूची में एक अंक नीचे गिर गया। अमेरिका के साथ फ्रांस और जर्मनी समेत अन्य यूरोपीय देशों में ऊर्जा संकट के हालात आज भी हैं।
दो देशों की लड़ाई में बंटती दिखी दुनिया
रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू हुई तो दुनिया दो हिस्सों में बंट गई। अमेरिका और यूरोपीय देश एकजुट होकर सामने आए। वहीं चीन, पाकिस्तान समेत कई देश रूस के साथ खड़े नजर आए। अमेरिका यूक्रेन की पूरी मदद कर रहा है और नाटो सेनाएं यूक्रेन सीमा पर उसकी पूरी मदद कर रही हैं।