साध्वियों से यौन शौषण मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा भुगत रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Ram Rahim) की पैरोल याचिका पर शुक्रवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab & Haryana High Court) में सुनवाई हुई. राम रहीम की ओर से 21 दिन की फरलो मांगे जाने पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को तय नियमों के तहत इसका निपटारा करने का आदेश दिया.
सरकार नियमानुसार ले फैसला
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल खेत्रपाल की खंडपीठ ने एसजीपीसी की डेरा प्रमुख को बार बार फरलो व पैरोल देने के खिलाफ याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि एसजीपीसी ने यह याचिका पिछले साल जनवरी में जब डेरा प्रमुख को 50 दिन की पैरोल दी थी, उसके खिलाफ दायर की थी लेकिन वह पैरोल खत्म हो चुकी है. हाईकोर्ट ने कहा सरकार नियमानुसार ही राम रहीम की फरलो व पैरोल पर फैसला ले.
डेरा प्रमुख द्वारा पैरोल याचिका में कहा गया था कि उसने अतीत में पैरोल या फरलो की छूट का दुरुपयोग नहीं किया है और हमेशा समय रहते आत्मसमर्पण किया है. यहां तक कि उसे किसी भी स्तर पर विशेष सुविधा भी नहीं दी गई है. बता दें कि इसी साल 29 फरवरी को हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि भविष्य में अदालत की अनुमति के बिना डेरा प्रमुख के पैरोल के आवेदन पर विचार न किया जाए.
SGPC ने जताई थी आपत्ति
यह मामला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) द्वारा दायर याचिका के मद्देनजर हाई कोर्ट में पहुंचा था. याचिका में डेरा प्रमुख को दुष्कर्म और हत्या के मामलों में दोषी होने के बावजूद हरियाणा सरकार द्वारा बार- बार पैरोल या फरलो पर रिहा करने पर आपत्ति जताई गई थी.