प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को‘ऐतिहासिक’कोसी रेल महासेतु को राष्ट्र को समर्पित किया और इस अवसर पर बिहार के रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए 12 रेल परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया। वीडियो कांफ्रेस से आयोजित इस समारोह में बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय ने भी हिस्सा लिया। इस अवसर पर गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी को बिहार की विशेष चिंता रही है और यहां के चौमुखी विकास के लिये उन्होंने भागीरथ कार्य किये हैं।
उन्होंने कहा, आज का दिन बिहार के स्वर्णिम इतिहास में महत्वपूर्ण अध्याय साबित होने वाला है। 1934 के भूकंप ने बिहार के कोसी क्षेत्र को मिथिलांचल से अलग कर दिया, जिस बिहार को भूकंप ने बांट दिया, उसी को प्रधानमंत्री मोदी के अथक प्रयासों से फिर जोड़ा जा रहा है। गोयल ने कहा कि 2009 से 2014 के बीच रेलवे के लिये बिहार का रेलवे बजट औसतन 1,100 करोड़ रुपये हुआ करता था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस राशि को तीन गुना कर दिया। उन्होंने कहा, अब बिहार में रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढाने के लिये प्रतिवर्ष लगभग 3,400 करोड़ रुपये निवेश किये जाते हैं।
कोसी महासेतु परियोजना को 2003-04 में केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी। इसकी लंबाई 1.9 किलोमीटर है और इसके निर्माण में 516 करोड़ रूपये की लागत आई है। प्रधानमंत्री मोदी ने जिन परियोजाओं का शुभारंभ किया उनमें किउल नदी पर एक नया रेल पुल, दो नई रेल लाइनें, पांच विद्युतीकरण परियोजनाएं, एक विद्युत लोकोमोटिव शेड और बाढ़-बख्तियारपुर के बीच तीसरी नई लाइन परियोजना शामिल हैं।