13 दिसंबर 2001 को भारत की संसद पर आतंकी हमला पाकिस्तान के नापाक मंसूबों का एक उदाहरण है. देश के शूरवीरों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए इस हमले को नाकाम कर दिया था.
Parliament Attack: इस साल 13 दिसंबर को संसद (Parliament) पर हुए आतंकी हमले के 22 साल पूरे हो गए. इस दिन हर देशवासी इस हमले को नाकाम करने में शहीद हुए जवानों को गर्व के साथ याद करता है. 13 दिसंबर 2001 को पांच आतंकवादियों ने शीतकालीन सत्र के दौरान संसद को निशाना बनाने की कोशिश की थी. सुरक्षाकर्मियों ने आतंकी हमले को नाकाम करके पांचों आतंकवादियों को मार गिराया था.
इस हमले में दिल्ली पुलिस के पांच, सीआरपीएफ (CRPF) की एक महिला कांस्टेबल, संसद सुरक्षा सेवा के दो सहायक और संसद के एक कर्मचारी को जान गंवानी पड़ी थी. वहीं एक कैमरामैन की भी जान गई थी.तो वहीं संसद में शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे पीएम मोदी और सोनिया गांधी उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा सांसद ओम बिरला अमित शाह, मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई सांसदों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर शहीदों के परिवारजन भी मौजूद थे। श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पीएम मोदी ने शहीदों के परिवार वालों से मुलाकात की और उनका हालचाल पूछा और सांत्वना दी।
संसद हमले की बरसी के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “राष्ट्र हमेशा उन बहादुर सुरक्षा कर्मियों का ऋणी रहेगा जिन्होंने 2001 के आतंकवादी हमले में अपनी जान कुर्बान कर दी।”