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श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी: माता वैष्णों देवी की यात्रा होगी आसान, भवन से भैरो घाटी तक रोप-वे की ऑनलाइन सर्विस शुरू

श्रीमाता वैष्णों देवी (Shrimata Vaishno Devi) श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है। अब भवन से भैरो घाटी रोप-वे की ऑनलाइन सर्विस (Online Service) शुरू हो गई है। उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा (Lieutenant Governor Manoj Sinha) ने बुकिंग सुविधा का उद्घाटन किया। सिन्हा ने कहा कि श्रद्धालुओं को श्राईन बोर्ड (Shrine Board) बेहतर यात्रा सुविधाएं देने के लिए प्रयासरत है। रोप-वे की टिकट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू. मा वैष्णोदेवी.ओ.आर.जी ( W W W. Ma Vaishnodevi.org) में पहले आओ पहले पाओ पर उपलब्ध रहेंगी।गौरतलब है कि भवन-भैरो घाटी में एक घंटे के भीतर जाने के वाले 800 के करीब श्रद्धालुओं के लिए यह सुविधा 8 से 10 घंटे प्रति दिन तक उपलब्ध रहती है। इस दौरान उप-राज्यपाल ने श्राईन बोर्ड के सदस्यों के साथ पंचांग का विमोचन भी किया।

केदारनाथ यात्रा भी होगी आसान
उत्तराखंड में सबसे लंबी सडक़ सुरंग सोनप्रयाग से कालीमठ के बीच बनाई जाएगी। सुरंग के निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड-लो.नि.वि. ने सर्वेक्षण के लिए निविदा आमंत्रित की है। इस सुरंग के बनने से जहां केदारनाथ यात्रा आसान हो जाएगी वहीं गौरीकुंड राजमार्ग पर जाम से निजात भी मिल सकेगी। जून, 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद से केदारनाथ यात्रा को आसान बनाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। केदारनाथ यात्रा को सडक़ मार्ग से सुलभ करने के लिए कालीमठ घाटी से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए सोनप्रयाग से कालीमठ तक 7 कि.मी. लंबी सुरंग बनाई जानी है, जो सडक़ मार्ग पर उत्तराखंड की सबसे लंबी सुरंग होगी। सुरंग के साथ ही कालीमठ से चुनी बैंड तक 16 कि.मी. लंबा बाईपास भी बनाया जाएगा।
इस सुरंग व बाईपास के बनने से जहां केदारनाथ यात्रा में रुद्रप्रयाग गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों का दबाव कम होगा वहीं कालीमठ घाटी के धार्मिक व पर्यटक स्थलों को भी पहचान मिलेगी। प्रस्तावित सुरंग के निर्माण पर 2200 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।