लगातार धुंध के कारण पाकिस्तानी पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर के निवासियों को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 1900 के पार पहुंच गया। इस स्थिति को देखते हुए प्रांत की सरकार ने शहर के सभी प्राथमिक स्कूलों को बंद करने की घोषणा की।
सूत्रों के अनुसार, धुंध की स्थिति को देखते हुए कक्षा पांच तक के सरकारी और निजी स्कूल चार से नौ नवंबर तक बंद रहेंगे। 22 अक्टूबर को एक्यूआइ 394 के साथ लाहौर विश्व का सर्वाधिक प्रदूषित शहर माना गया था। इसके बाद से प्रदूषण लगातार बढ़ता रहा और शनिवार को AQI 1100 के पार पहुंच गया। एक समय ये 1900 को पार कर गया था।
कई दिनों से शहर के 1.4 करोड़ लोग धुंध से प्रभावित हैं। स्विस वायु गुणवत्ता मानीटर आइक्यूएयर घातक पीएम 2.5 प्रदूषकों के स्तर 613 पर पहुंच गया। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा स्वास्थ्य के लिए खराब माने जाने वाले स्तर से 122.6 गुना अधिक है।
पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सरकार ने एक सप्ताह के लिए प्राथमिक स्कूलों को बंद कर दिया है और अभिभावकों को सलाह दी है कि वे सुनिश्चित करें कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है।
औरंगजेब ने कहा कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए 50 फीसद कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।
सरकार ने एक एडवाइजरी भी जारी की जिसमें लोगों से घर के अंदर रहने, दरवाजे और खिड़कियां बंद रखने और जब तक आवश्यक न हो यात्रा करने और घर से बाहर जाने से बचने का आग्रह किया गया। मंत्री औरंगजेब ने वायु प्रदूषण की इतनी खराब स्थिति का कारण पड़ोसी भारत को बताया। उन्होंने कहा कि इस वायु प्रदूषण का कारण भारत से आने वाली हवाएं हो सकती हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत के साथ बातचीत के बिना इसे हल नहीं किया जा सकता है। प्रांतीय सरकार पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के माध्यम से अपने बड़े पड़ोसी के साथ बातचीत शुरू करेगी।