प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र के तटीय सिंधुदुर्ग जिले में प्रतिमा गिरने को लेकर मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज तथा इस घटना से आहत लोगों से शुक्रवार को माफी मांगी।
महाराष्ट्र के पालघर जिले में 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखने के बाद मोदी ने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या राजा नहीं हैं। हमारे लिए वह देवता हैं। आज मैं उनके चरणों में सिर झुकाता हूं और अपने देवता से क्षमा मांगता हूं।” मोदी ने कहा, “हमारे मूल्य अलग हैं। हमारे लिए हमारे देवता से बड़ा कुछ नहीं है।”
उन्होंने कहा, “कुछ लोग वीर सावरकर को गाली देते रहते हैं लेकिन उनका अपमान करने के लिए माफी मांगने को तैयार नहीं हैं।” उन्होंने कहा “जब मैं यहां पहुंचा, तो मैंने सबसे पहले शिवाजी महाराज से प्रतिमा गिरने के लिए माफी मांगी।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं उन लोगों से भी माफी मांगता हूं जो इस घटना से आहत हुए हैं।’’
मोदी ने पिछले साल दिसंबर में सिंधुदुर्ग जिले में नौसेना दिवस समारोह के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया था। प्रतिमा का उद्देश्य समुद्री रक्षा के प्रति मराठा योद्धा की विरासत का सम्मान करना था। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि नौसेना की अध्यक्षता में राज्य सरकार के प्रतिनिधियों और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ एक संयुक्त तकनीकी समिति प्रतिमा गिरने के कारणों की जांच करेगी। मोदी ने कहा कि विकसित महाराष्ट्र विकसित भारत के संकल्प का एक अनिवार्य हिस्सा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, पिछले 10 वर्षों में, हमने महाराष्ट्र की प्रगति के लिए लगातार बड़े फैसले लिए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि राज्य और पूरा देश महाराष्ट्र की क्षमताओं का लाभ उठाए, आज वधावन बंदरगाह की आधारशिला रखी गई है।’’