पराली जलाने के मामले में सरकार के आदेशों के बाद अब जिला प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी डीसी को आदेश जारी किए थे कि जिन मामलों में किसानों के खिलाफ पराली जलाने के संदर्भ में केस दर्ज किए गए हैं उनकी जल्दी गिरफ्तारी की जाए।
कैथल में पराली जलाने वाले 43 किसने की मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रेड एंट्री कर दी गई है, इस कारण अब ये किसान आगामी 2 सालों तक अपनी फसल एमएसपी पर नहीं बेच पाएंगे। वहीं सरकार के आदेशों के खिलाफ की किसान संगठनों में भी विरोध देखने को मिल रहा है, इसको लेकर किसान भी आगामी रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं, वहीं पराली के मसले पर अब राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से लेकर कांग्रेस सांसद प्रदीप सिंह सुरजेवाला भी इस पर आपत्ति जीत चुके हैं। कैथल से कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने आदेशों को तानाशाही बता भाजपा को किसान विरोधी बताया है।
जिला प्रशासन भी 17 अक्टूबर के बाद पराली जलाने के मामलों पर एफआईआर दर्ज करवा रहा है। जिले में अब तक 18 किसानों के खिलाफ संबंधित थाने में मामले दर्ज करवाए गए हैं, जिनकी साथ की साथ गिरफ्तारी भी की जा रही है। जिले में अब तक पराली जलाने के 127 मामले सामने आ चुके हैं, जिसकी वजह से शहर की आबो-हवा भी बेहत खराब हो गई है। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 374 के पार पहुंच गया है, जिस कारण लोगों को सांस लेने के आंखों में जलन हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्वयं संज्ञान लेते हुए कैथल डीसी को नोटिस जारी कर आगमी 23 अक्टूबर को जबाव देने को कहा है। इसके संदर्भ में कैथल पुलिस ने भी कार्रवाई करना शुरू कर दी है।
डीएसपी वीरभान ने बताया कि सरकार के आदेशों अनुसार उन्होंने संबंधित थाना प्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि जिन किसानों के ऊपर पराली जलाने के मामले दर्ज हुए हैं उनकी आज ही गिरफ्तारी की जाए, अब 18 मामलों में 13 किसानों को गिरफ्तार किया गया है, जिनको साथ की साथ पुलिस बेल पर छोड़ दिया गया।