आज कार्तिक कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि यानि की नरक चतुर्दशी के दिन रुद्रावतार श्री हनुमान जी की जयंती मनाई जा रही है. युगों-युगों से हनुमत साधना अत्यंत कल्याणकारी मानी गई है. सिर्फ सुमिरन करने मात्र से ही हनुमान जी अपने भक्तों के सभी संकट पलक झपकते ही दूर कर देते हैं. ऐसे में आज बल, बुद्धि और विद्या के दाता चिरंजीवी हनुमान का आशीर्वाद पाने के लिए हनुमान जी की पूजा से जुड़े सात जरूरी नियम को जरूर याद रखना चाहिए.
- दीपावली पंचमहापर्व के दूसरे दिन हनुमान जयंती पर बजरंग बली की पूजा दक्षिण की ओर मुख करके करें. आज हनुमान जयंती दिन भर भद्रा रहेगी, ऐसे में बजरंगी की साधना सभी बाधाओं को दूर करे आपके सभी कार्यों को संपन्न करने वाली है.
- हनुमान जी की पूजा हमेशा शुद्ध तन-मन से करना चाहिए. हनुमान जी की पूजा करते समय हमेशा धुले हुए स्वच्छ कपड़े पहनें. बजरंग बली की पूजा करते समय लाल फूल, सिंदूर, वस्त्र और जनेऊ जरूर चढ़ाएं. हनुमान जयंती पर शाम के समय हनुमान मंदिर में या फिर घर में हनुमान जी के चित्र या मूर्ति के सामने सरसों के तेल का चौमुखा दीया जरूर जलाएं.
- हनुमान जयंती के दिन सिंदूर में तिल का तेल मिलाकर हनुमान जी के शरीर पर लगाएं अथवा उनके लिए किसी मंदिर में दान करें. इस उपाय को करने से शीघ्र ही हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और साधक को मनचाहा वरदान देते हैं.
- हनुमान जी काे प्रसन्न करने के लिए प्रसाद में मोतीचूर का लड्डू, बूंदी, गुड़ या फिर गेहूं की रोटी का चूरमा चढ़ा सकते हैं. हनुमान जी के प्रसाद में तुलसी दल रखना न भूलें. हनुमान जी का प्रसाद हमेशा शुद्ध घी में बनाएं.
- हनुमान जयंती पर आज आप बजरंग बली को प्रसन्न करने के लिए पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ हनुमान चालीसा, हनुमानाष्टक, बजरंग बाण, सुंदरकांड, हनुमान बाहुक का पाठ कर सकते हैं. हनुमत साधना में मंत्र का बहुत महत्व है. ऐसे में आप उनका बहुत ही सरल मंत्र ‘ॐ हनुमते नमः‘ मंत्र का जप आज हनुमान जयंती पर पंचमुखी रुद्राक्ष की माला से करके उनकी विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं. हनुमान जी की कृपा आप पर हमेशा बरसती रहे, इसके लिए आप इस मंत्र का आगे भी प्रतिदिन पूजा में जप कर सकते हैं.
- हनुमान जी की साधना-आराधना क्या स्त्री और क्या पुरुष सभी कर सकते हैं. हालांकि स्त्रियों को रजस्वला होने पर हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए और न ही उनके शरीर को स्पर्श करना चाहिए.
- हनुमान जी की उपासना में ब्रह्मचर्य बहुत जरूरी है, इसलिए जिस दिन जब तक हनुमत साधना चले अपने मन में काम भाव नहीं लाना चाहिए. साथ ही हनुमत उपासक को किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए.