गणेश चतुर्थी का इंतजार भक्तों को सालभर बेसब्री से रहता है. इस दिन भक्त पूरे विधि-विधान के साथ गणपति बप्पा को अपने घर ले आते हैं और पूरी धूम-धाम से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. इस बार गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2020) 22 अगस्त को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष में पड़ रहा है. इसी दिन लोग गणेश चतुर्थी को अपने घरों पर पूरी श्रद्धा के साथ मनाएंगे. गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. ये दिन और पूजा को लेकर तमाम तरह की मान्यताएं हैं. कहते हैं कि इस शुभ दिन के मौके पर चंद्रमा का दर्शन करना पाप माना जाता है. मान्यताओं की माने जो शख्स इस दिन चंद्रमा के दर्शन गलती से भी कर लेता है उसके ऊपर झूठे आरोप लगने.
आपने ये कहानी तो जरूर सुनी होगी कि जब गणेश जी ने पृथ्वी का चक्कर लगाया था तब वो प्रथम पूज्य कहलाए थे. उनकी इस चतुराई की देवताओं ने भी खूब सराहना की थी. लेकिन उस दौरान चंद्रमा अंदर ही अंदर मुस्कुरा रहे थे. इसके पीछे की वजह ये थी कि चंद्र देव अपनी सुंदरता पर खूब इतरा रहे थे. यहां तक कि एक ओर जहां सभी देवता गणेश जी पर फूलों की बरसात कर उनकी वंदना कर रहे थे तो वहीं चंद्रमा अपने ही घमंड में चूर हो रहे थे. जिसकी वजह से गणपति बप्पा को क्रोध आ गया था.
कहा जाता है कि चंद्र देव के इस रवैये से गुस्से मां आकर गणेश जी ने उन्हें श्राप दे दिया था कि आज से तुम काले हो जाओगे. उस दौरान चंद्रमा को अपनी भूल का एहसास हुआ कि उन्होंने कितनी बड़ी गलती कर दी है. इसके बाद चंद्रमा ने अपनी इस भूल के लिए गणेश जी से क्षमा याचना मांगी. जिसके बाद गणेश जी ने कहा कि सूर्य की किरणें जैसे-जैसे उन पर पड़ेंगी. वैसे-वैसे उनकी चमक लौटने लगेगी. लेकिन भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी ये दिन लोग कभी भी नहीं भुलला पाएंगे. क्योंकि ये दिन आपको दंड देने के नाम पर याद किया जाता रहेगा.
इतना ही नहीं बल्कि भगवान श्री गणेश जी ने तो ये भी कहा था कि जो शख्स इस तारीख के दिन चंद्रमा के दर्शन करेगा, वो झूठे आरोपों का शिकार होगा. यहां तक कि उसे कई भारी दुखों से गुजरना पड़ेगा. कहते हैं कि अगर गलती से आप चंद्रमा का दर्शन कर लेते हैं तो मंत्र का जाप जरूर करें. फिलहाल इस बार कोरोना का समय है इसलिए भक्तों को पूजा-अराधना के समय सावधानी बरतनी पड़ेगी. इस बार 10 दिनों तक लगातार गणपति बप्पा की पूजा की जाएगी. इसके बाद 01 सितंबर यानी मंगलवार के दिन उन्हें विसर्जित कर दिया जाएगा.