गणपति बप्पा मोरिया..की गूंज अब बस कुछ ही दिनों में हर गली-मोहल्ले में सुनाई देगी. क्योंकि परमपूजनीय भगवान गणेश आ रहे हैं अपने भक्तों के घर. जी हां, इस साल गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) 22 अगस्त 2020 को मनाई जाएगी. देशभर में इस त्योहार की तैयारियां शुरू हो चुकी है और बाजारों में भी सुंदर-सुंदर गणेश प्रतिमा नजर आने लगी हैं. गणपति जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन हुआ था और इस खास दिन को सनातन परंपरा के रूप में मनाया जाता है. सबसे खास बात यह है कि, 126 साल बाद चतुर्थी पर विशेष योग बन रहा है. तो चलिए जानते हैं कि इस बार शुभ-मुहूर्त क्या रहेगा और किस विधि से पूजा करने से सारे बिगड़े काम बनने लगेंगे. साथ ही जानेंगे राशि अनुसार मिलने वाले फल के बारे में.
गणेश चतुर्थी पर 126 साल बाद विशेष योग
ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो, इस साल 22 अगस्त को मनाई जाने वाली गणेश चतुर्थी पर सूर्य सिंह राशि में और मंगल मेष राशि में रहेगा.सूर्य और मंगल का ऐसा विशेष योग 126 साल पहले बना था. इस योग से राशियों पर काफी शुभ प्रभाव पड़ेगा.
गणेश चतुर्थी शुभ-मुहूर्त
22 अगस्त से देशभर में गणपति उत्सव शरू हो जाएगा और इसकी पावन तिथि यानि शुभ-मुहूर्त 21 अगस्त 2020 को रात्रि 11:02 बजे से प्रारंभ होकर 22 अगस्त 2020 को शाम 07:57 बजे तक रहेगा.
कैसे करें गणपति बप्पा की पूजा
परमपूजनीय गणपति बप्पा की पूजा का इस पर्व में बेहद खास महत्व है. वैसे तो गणपति बप्पा को बहुत ही आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है. जी हां, अगर पूजा में गणेश जी को सिर्फ दूर्वा अर्पित की जाए तो वह काफी प्रसन्न हो जाते हैंऔर अपने भक्तों के सारे विघ्न दूर कर देते हैं. जिन लोगों पर बप्पा की कृपा बरसती है उनके सारे बिगड़े काम पूरे होने लगते हैं. ऐसी मान्यता है कि, गणेश जी का जन्म दोपहर में हुआ था इसलिए पूजा भी दोपहर में ही करें.
22 अगस्त यानि गणेश चतुर्थी वाले दिन प्रातः स्नान आदि कर गणपति बप्पा के व्रत का संकल्प लें और दोपहर के वक्त उनकी प्रतिमा को चौकी पर लाल कपड़े के ऊपर स्थापित करें. इसके बाद गंगाजल छिड़कें और दोनों हाथ से गणेश जी का आह्वान करें और पूजा में पधारने में प्रेम पूर्वक अनुरोध करें. गणेश जी के माथे पर सिंदूर की टीका लगाकर उन्हें भोग में मोदक या लड्डू चढ़ाएं. फिर पुष्प, सिंदूर जनेऊ के साथ 21 दूर्वा अर्पित करें. जिस समय आप उन्हें दूर्वा अर्पित करेंगे उस वक्त इन मंत्रों को पढ़े.‘ॐ गणाधिपताय नमः’,‘ॐ विघ्ननाशाय नमः’, ‘ॐ ईशपुत्राय नमः’, ‘ॐ सर्वसिद्धाय नमः’, ‘ॐ एकदंताय नमः’, ‘ॐ कुमार गुरवे नमः’, ‘ॐ मूषक वाहनाय नमः’, ‘ॐ उमा पुत्राय नमः’, ‘ॐ विनायकाय नमः’, ‘ॐ इषक्त्राय नमः’. इन मंत्रों का उच्चारण करते हुए दो दूर्वा चढ़ाते जाएं इस तरह कुल बीस दूर्वा अर्पित हो जाएंगी और 21वीं दूर्वा चढ़ाते हुए फिर से मंत्रों को एक साथ दोहराएं और चरणों में अर्पित कर दें. इसके बाद उन्हें प्रिय भोग मोदक या लड्डू भी इसी प्रकार चढ़ाएं. फिर देखिए कैसे आपके बिगड़े काम बनने लगेंगे.
12 राशियों को मिलेगा फल
मेष राशिः
मेष राशि के जातकों के लिए गणेश चतुर्थी बहुत ही फलदायी रहेगी. जातकों को संतान पक्ष की तरफ से अच्छी खबर मिल सकती है
वृषभ राशिः
इस राशि के लोगों के सारे अधूरे और अटके काम पूरे होंगे और लंबे समय से जारी विवादों का भी अंत होगा.
मिथुन राशिः
गणेष चतुर्थी पर राशियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और समाज में मान-सम्मान भी बढ़ेगा.
कर्क राशिः
काफी दिनों से अगर किसी बड़े काम के बारे में विचार कर रहे हैं तो बहुत जल्द पूर्ण होगा और परिवार तथा जीवन में सुख व शांति बढ़ेगी.
सिंह राशिः
गणपति बप्पा की सच्ची मन से आराधना करने से विदेश यात्रा का सपना सच हो सकता है.
कन्या राशिः
इस राशि के लोग जो भी प्रयास करेंगे उन कार्यों में सफलता जरूर मिलेगी. कोई बड़ा काम शुरू होने के संकेत नजर आ रहे हैं.
तुला राशिः
गणेश चतुर्थी के दिन से राशियों का अच्छा समय शुरू होगा और संतान पक्ष की तरफ से सुख मिलेगा.
वॄश्चिक राशिः
इस राशि के जातकों को मिलेगी कोई बड़ी खुखशबरी. आर्थिक तंगी दूर होगी.
धनु राशिः
धनु राशि के जातकों को जीवनसाथी की तरफ से साथ और सम्मान मिलेगा. इसके अलावा परिवार में भी मधुरता आएगी.
मकर राशिः
मकर राशि के लोग खुश हो जाएं क्योंकि, चतुर्थी के दिन से आपका अच्छा वक्त शुरू होने वाला है.
कुम्भ राशिः
गणेश चतुर्थी पर कुंभ राशि के जातकों को कोई अच्छा समाचार मिल सकता है और यात्रा के योग भी नजर आ रहे हैं.
मीन राशिः
गणेश चतुर्थी खासतौर से नौकरीपेशा वाले लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी और बाकी लोगों के लिए भी शुभ होगी.