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वीरांगना झलकारीबाई के चित्र पर पुष्प अर्पित करते डॉ एम आर शास्त्री

संवाददाता सूरज सिंह  सिद्धौर  बाराबंकी :वीरता का इतिहास रचने वाली वीरांगना झलकारी बाई कोरी हमारे समाज के लिए गौरव का प्रतीक है।उनके ऐतिहासिक कार्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए ।यह बात डा.मनीराम शास्त्री ने वीरांगना झलकारी बाई के जयंती शुभअवसर पर सिद्धौर ब्लाक के जमलापुर गांव में कही। अयोध्या जनपद से मुख्य वक्ता के रुप में पधारे श्री शास्त्री ने आगे अपने संबोधन में कहा कि हमारे समाज की ऐसी महिला वीर नारी वीरांगना झलकारी बाई रही। जिन्होंने मातृ भूमि की रक्षा स्वतंत्रता एवं मित्रता के लिए रणभूमि में अंग्रेजों से संग्राम करते हुए अपने प्राणों कि आहूति दे दी।

लेकिन वर्तमान में स्थिति यह है कि हमारे समाज के लोग अपने हक की आवाज तक नहीं उठा पाते। श्री शास्त्री जी ने कहा। कि आखिर कब तलक सहते रहोगो शोषितो अपमान तुम! जानवर बनकर न जियो, बनकर जियो इंसान तुम जिंदा दिल होकर जियो बुजदिली को छोड़ दो। उन्होने कहा कि शिक्षा कि कमी अर्थात अशिक्षा के कारण हमारे समाज के लोग अपनी बात तक रखने और कहने का साहस नहीं जुटा पाते। जो सबसे बड़ी कमजोरी है।इसलिए आगे बढ़ने के लिए शिक्षित ,हो जागरुक बनें तभी समाज का समाजिक विकास और उत्थान होगा।

अब तक तो गुलामी में मशगूल रहे हम सब! अब लेने को अपना हक , सर हमने भी उभारा है। कहने का मतलब है कि हक और अधिकार के लिए शिक्षित और जागरुक होना आवश्यक है। चूंकि शिक्षा के ही माध्यम से अपनी हर मंजिल तय कर सकते हैं। वहीं मुख्य अतिथि जिलापंचायत सदस्य कोठी, रामचंन्द्र धीमान ने अपने संबोधन में वीरांगना झलकारी बाई के जयंती अवसर पर उनकी ऐतिहासिक गाथा पर प्रकाश डाला। इससे पूर्व सदगुरु कबीर साहेब के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित करने के पश्चात,वीरांगना झलकारी बाई के चित्र पर पुष्पांजलि पुष्प माला अर्पित किया गया। क्षेत्र पंचायत सदस्य रामरुप धीमान द्वारा आयोजित जयंती कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत शिक्षक जागेश्वर प्रसाद ने की। जिसमें वक्ता के रुप में विनय धीमान , ज्योतिश धीमान,आदि सभी ने अपने अपने विचार प्रकट किया।