प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इंग्लैंड में 2 दिसंबर तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है। उन्होंने यह फैसला विशेषज्ञों की आशंका के बाद ली है, जिसमें विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है तो दिसंबर तक कोरोना वायरस के कारण होने वाली मौत की संख्या में तेज वृद्धि की भविष्यवाणी की गई है। आपको यह भी बता दें कि इंग्लैंड में कोरोना के मामले दस लाख के पार कर गए हैं।
यहां के वैज्ञानिक सलाहकारों ने चेतावनी दी है कि कोरोनो वायरस के दोबारा बढ़ते मामलों के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और मरने वालों की संख्या जल्द ही महामारी के चरम में देखे गए स्तर को पार कर सकती है। सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार समूह के एक सदस्य एपिडेमियोलॉजिस्ट जॉन एडमंड्स ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में मॉडलर्स ने जो एक सबसे खराब स्थिति का सिनेरियो बनाया था, मामले उस स्थिति से कहीं ऊपर चल रहे हैं।
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संक्रमण के स्तरों के आधार पर ब्रिटेन के लिए स्थानीय प्रतिबंधों की एक प्रणाली शुरू की थी, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना था कि यह पर्याप्त नहीं है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जॉनसन सोमवार को एक महीने के लॉकडाउन की घोषणा की है। नए लॉकडाउन में गैर-जरूरी व्यवसायों को बंद रखने के लिए कहा गया है। लोगों को घर पर रहने के लिए कहा गया है। हालांकि स्कूल और यूनिवर्सिटी खुले रहेंगे। ब्रिटेन में एक दिन में 20,000 से अधिक नए कोरोना वायरस मामले आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा कि कोई भी इस तरह के उपायों को कहीं भी लागू नहीं करना चाहता है। हमारी आशा थी कि मजबूत स्थानीय कार्रवाई मजबूत स्थानीय नेतृत्व द्वारा, हम संक्रमण की दरों को कम कर सकते हैं। हम प्रकृति के सामने और इस देश में विनम्र हो गए हैं। यूरोप के अधिकांश हिस्सों में वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। अगर लॉकडाउन जैसा प्रतिबंध फर से नहीं लगाए गए तो हम अपने देश में प्रति दिन कई हजार तक मौतें देख सकते हैं।
एक आधिकारिक बयान में शनिवार शाम को कहा गया कि 31 जनवरी से 31 अक्टूबर 2020 के बीच इंग्लैंड में 1,011,660 पॉजिटिव केस पाए गए हैं। पिछले 24 घंटों में 21,915 नए मामले सामने आए और 326 मौतें हुई थीं।
दूसरे लॉकडाउन की घोषणा इंग्लैंड के लिए की गई है, जो यूनाइटेड किंगडम का सबसे बड़ा और सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र है, जिसमें स्थानीय लॉकडाउन और वेल्स, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड में पहले से ही सख्त प्रतिबंध हैं। स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के बीच यात्रा से बचने की भी सलाह दी गई है। आपको बता दें कि फ्रांस, बेल्जियम और जर्मनी पहले ही कोरोना की संभावित दूसरी लहर को देखते हुए सख्त प्रतिबंध लगा चुके हैं।