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सीएम रावत ने अधिकारियों को दिया निर्देश- प्रदेश में पानी की दिक्कत वाले क्षेत्रों को किया जाय चिन्हित, 15 मार्च तक तैयार की जाय कार्ययोजना

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पेयजल की शुद्धता के लिये प्रत्येक ब्लाक एवं महाविद्यालयों में वाटर टेस्टिंग लेब की स्थापना की कार्य योजना बनायी जाए। पेयजल जन स्वास्थ्य से जुड़ा मामला होने के कारण पेयजल की शुद्धता पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने गर्मी के मौसम में प्रदेश के जिन क्षेत्रों में पेयजल की कमी की आशंका रह सकती है, ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करने की कार्यवाही भी 15 मार्च तक पूर्ण करने को कहा है। साथ ही गर्मियों में उन क्षेत्रों के लिये पेयजल उपलब्ध कराने की कार्य योजना भी बनाई जाय। मुख्यमंत्री ने नगरीय क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति हेतु अर्बन जल जीवन मिशन की भी कार्य योजना तैयार करने को कहा है।


समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल की उपलब्धता का लक्ष्य अविलम्ब पूर्ण किया जाय। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जो कनेक्शन दिये जा रहे हैं, उसमें निर्धारित मानकों का पालन करते हुए लक्ष्य निर्धारित किये जाय। मुख्यमंत्री ने जलजीवन मिशन के तहत जनपद हरिद्वार एवं ऊधमसिंह नगर में संचालित किये जा रहे कार्यों में तेजी लाने को कहा। मुख्यमंत्री ने इसके लिये लक्ष्यों के साथ नियमित मॉनीटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। योजना को समय पर पूर्ण करने के लिये यदि अतिरिक्त कार्मिकों की जरूरत हो तो इसकी भी व्यवस्था तत्काल किये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।

उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी भी इसकी नियमित निगरानी रखें। जल जीवन मिशन के तहत निर्धारित समयावधि में लक्ष्य पूर्ण हो, इसके लिए जल संस्थान एवं जल निगम द्वारा प्रत्येक दिन का टारगेट निर्धारित किया जाए। हर घर नल एवं शुद्ध जल के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी संबधित विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें।