छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा में शनिवार को नक्सलियों ने घात लगाकर सुरक्षाबलों की टीम पर हमला कर दिया जिसमें 22 जवान शहीद हो गए. शहीद होने वालों में कोबरा बटालियन, DRG, STF और एक बस्तरिया बटालियन के जवान शामिल हैं. हालांकि, बताया जा रहा है कि इस दौरान अगर सीआरपीएफ के सेकेंड इन कमांड संदीप द्विवेदी ने अदमस्य साहस और वीरता नहीं दिखाई होती तो और जवानों की जान जा सकती थी. अभी फिलहाल उनका इलाज रायपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है.
दरअसल, बीजापुर में नक्सल विरोधी अभियान के लिए कोबरा बटालियन, DRG और STF की संयुक्त टीम निकली थी, इस ऑपरेशन को सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के सेकेंड इन कमांड संदीप द्विवेदी लीड कर रहे थे. जब नक्सलियों ने घात लगाकर जवानों पर हमला किया तो संदीप द्विवेदी ने गोलियों की बौछार और मौत के मंजर के बीच अद्भुत साहस का परिचय दिया. उन्होंने जवानों को ना सिर्फ साहस देते हुए जवाबी कार्रवाई करने को कहा बल्कि नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों को फंसाने के लिए लगाए घातक एंबुस को भी तोड़ा. एक तरफ जहां वो नक्सलियों के हमले का जवाब दे रहे थे वहीं दूसरी तरफ घायल जवानों को वहां से निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाने की कोशिश में भी लगे हुए थे. इस दौरान वो खुद घायल हो गए.
खूंखार नक्सलियों के भारी संख्या में जवानों को हताहत करने की साजिश को नाकाम कर दिया और उनके रचे चक्रव्यूह को तोड़ दिया जिससे कई जवानों की समय रहते जान बच गई. इस दौरान वो भी घायल हो गए. संदीप द्विवेदी का अभी रायपुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. बता दें कि शनिवार को घात लगाकर नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया था. इसमें कई जवानों की मौत हो गई. एक जवान का शव उसी दिन बरामद कर लिया गया था लेकिन बाकी जवान लापता हो गए थे. 4 अप्रैल को सर्च ऑपरेशन के दौरान 21 और जवानों के शव बरामद किए गए. अभी भी एक जवान गायब है जिसकी तलाश जारी है. इस मुठभेड़ में 31 जवान ज़ख्मी भी हुए हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है.