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Basant Panchami 2021 : इस दिन मनाई जाएगी सरस्वती पूजा, जानिए पूजा का महत्व और शुभ मुहूर्त

इस साल बसंत 16 फरवरी को मनाी जाएगी. हिंदू धर्म में इस त्योहार का अत्यधिक महत्व है. इस माता सरस्वती की पूजा करने का विधान है. इस दिन को श्री पंचमी या फिर बसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है. माता सरस्वती को विद्या की देवी के रूप में जाना जाता है.

इस पूजा को पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई जगहों पर बहुत ही हर्षोल्लास के साथ किया जाता है. बंसत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है. पूर्वी भारत में तो इसे तकरीबन हर घर और गली में मनाई जाती है.

बसंत पंचमी का बहुत है महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन ही ब्रह्माण्ड के रचयिता ब्रह्माजी ने सरस्वती जी की रचना की थी. पुराणों में ऐसा निहित है कि भगवान विष्णु की आज्ञा से ही ब्रह्माजी ने मनुष्य योनी की रचना की थी. प्रारंभिक काल में मनुष्य एकदम मूक था, जिससे धरती पूरी तरह से शांत थी. इससे धरती पर नीरसता बढ़ रही थी.

जब ब्रह्माजी ने ये देखा तो उन्होंने अपने कमंडल से जल छिड़का जिससे एक अद्भुत शक्ति के रूप में एक सुंदर स्त्री प्रकट हुई जो कि चतुर्भुजी थीं. उनके एक हाथ में वीणा तो दूसरा हाथ वर मुद्रा में थी. इनकी वीणा से तीनों लोकों में बहुत तेज कंपन हुआ, जिसकी वजह से इन्हें सरस्वती कहा गया. इसी कंपन से सभी को शब्द और वाणी मिली.

बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त

बसंत पंचमी मंगलवार 16 फरवरी 2021 को है. इस दिन पूजा का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है. ये अवधि पूरे 05 घंटे 37 मिनट का होगा. बसंत पंचमी के मध्याह्न का क्षण 12 बजकर 35 मिनट पर होगा. वहीं, पंचमी तिथि का प्रारंभ 16 फरवरी को 3 बजकर 36 मिनट पर होगा और पंचमी तिथि की समाप्ति 17 फरवरी को 5 बजकर 46 मिनट पर होगा.