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बीरभूमि हिंसाः कांग्रेस सांसद ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग, रामनाथ कोविंद को लिखा पत्र

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी (Congress MP Adhir Ranjan Chowdhury) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीरभूम जिले में हुई हिंसा (Violence broke Birbhum district) के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) को पत्र लिखकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। चौधरी ने बंगाल में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति और पिछले एक महीने में 26 राजनीतिक हत्याओं का हवाला देते हुए राष्ट्रपति से बीरभूम में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 355 को लागू करने का आग्रह किया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में अधीर रंजन चौधरी ने कहा है ‘सोमवार को बीरभूम जिले के बोगटुई गांव में सत्ताधारी दल के दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई। इसमें डिप्टी प्रधान भादू शेख की मौत हुई। जवाब कार्रवाई में इलाके के घरों पर हमला किया गया और आग लगा दी गई। जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं और बच्चों समेत 12 लोगों की मौत हो गई है। सभी पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय के हैं।’

चौधरी ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है। यह अत्यंत दुख की बात है कि पिछले महीने ही पश्चिम बंगाल में 26 राजनीतिक हत्याएं हुई थीं। चुनावी हिंसा और चुनाव के बाद की हिंसा ने कई लोगों की जान ले ली है। पूरा राज्य भय और हिंसा की चपेट में है।

अधीर रंजन चौधरी ने पत्र में लिखा है ‘मैं राज्य में संवैधानिक तंत्र के टूटने के संबंध में देश का ध्यान आकर्षित करने के लिए कल, यानी 22 मार्च को संसद में यह गंभीर मुद्दा उठाया था। पश्चिम बंगाल में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए, मैं आपसे संविधान के अनुच्छेद 355 को लागू करने का अनुरोध करता हूं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पश्चिम बंगाल सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार चलती रहे।’

बता दें कि बीरभूम के रामपुरहाट के बोगतुई गांव में मंगलवार तड़के करीब एक दर्जन मकानों में कथित तौर पर आग लगा दिए जाने से दो बच्चों समेत कुल आठ लोगों की जल कर मौत हो गई। यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) के पंचायत स्तर के नेता भादू शेख की कथित हत्या के कुछ घंटों के भीतर हुई।