पंजाब में विधानसभा चुनाव (assembly elections) संपन्न हो चुका है और वहां पर आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान की अगुवाई में नई सरकार शपथ भी ले चुकी है, दूसरी ओर चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करने वाली कांग्रेस बेहद दबाव में है और हार के कारणों पर चिंतन कर रही है. पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने 5 राज्यों में हार के बाद सभी राज्यों के पार्टी प्रमुखों से इस्तीफा मांगा तो कल बुधवार को नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh sidhu) ने त्यागपत्र (resign) दे दिया. उनका त्यागपत्र कई मायनों में अलग रहा. साथ ही अपने ट्विटर प्रोफाइल पर अभी भी खुद को विधायक बता रहे हैं, जबकि चुनाव में वह हार चुके हैं.
18 सीट और 18 शब्दों में इस्तीफा
उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में हुए पिछले हफ्ते खत्म हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने इन सभी 5 राज्यों के कांग्रेस प्रमुखों से इस्तीफा मांग लिया था. ऐसे में पंजाब प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी कल बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि उनका इस्तीफा कुछ अलग अंदाज में था. उन्होंने अपने इस्तीफे में कुल 18 शब्द लिखे और खास बात यह रही कि पंजाब में कांग्रेस के खाते में भी कुल 18 सीटें ही आईं.
नवजोत सिंह खुद भी चुनाव हार गए. उन्होंने सोनिया को भेजे अपने पत्र में चुनाव को लेकर कुछ भी नहीं लिखा. उन्होंने इस्तीफे में न तो हार की जिम्मेदारी ली और न ही पार्टी की हार का कोई जिक्र किया. अंग्रेजी में लिखे इस पत्र में कहा गया, ‘कांग्रेस अध्यक्ष की मर्जी के मुताबिक मैं पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं.’ उन्होंने इस्तीफा पत्र को ट्वीट करते हुए लिखा कि सोनिया गांधी की इच्छा के मुताबिक इस्तीफा दे रहा हूं.