वेस्टइंडीज के खिलाफ अहमदाबाद में खेले गए पहले एकदिवसीय मैच में टीम इंडिया की आसान जीत हुई है। 177 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने 4 विकेट खो कर ही लक्ष्य को हासिल कर लिया। भारतीय टीम जब गेंदबाजी कर रही थी, उस दौरान कई ऐसे मौके आए जब टीम इंडिया को रिव्यू का सहारा लेना पड़ा। सबसे बेहतरीन पक्ष रहा कि सभी रिव्यू सही साबित हुए। सही समय पर रिव्यू लिये जाने पर पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर भी गदगद नजर आये।
सुनील गावस्कर ने अब डीआरएस को एक नया नाम दे दिया है। जिसे कभी धोनी रिव्यू सिस्टम कहा जाता था। सुनील गावस्कर ने मैच के दौरान कहा कि पहले हम डीआरएस को धोनी रिव्यू सिस्टम Dhoni review system कहते थे, लेकिन आज जैसा टीम इंडिया खेली है उससे इसे Definitively Rohit system कहना सही होगा। कप्तान रोहित शर्मा का ये फैसला बिल्कुल सही साबित हुआ है। उनके सभी रिव्यू टीम के लिए फायदेमंद साबित हुए। ज्ञात हो कि एकदिवसीय क्रिकेट में दोनों टीम को अपनी-अपनी पारी के दौरान कुछ मौके मिलते हैं, जिसमें वह फील्ड अंपायर द्वारा दिए गए फैसले का रिव्यू करवा सकते हैं। इसी को डीआरएस कहते हैं। अंपायर का फैसला आने के बाद सिर्फ 15 सेकेंड में टीम को डीआरएस लेना होता है। पारी के दौरान प्रत्येक टीम को दो डीआरएस मिलते हैं। डीआरएस सही होने पर अवसर बचे रहते हैं। डीआरएस की चुनौती गलत होने पर अवसर कम हो जाते हैं।
जब होता था डीआरएस
ज्ञात हो कि पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जब खेलते थे, उस वक्त उनके कई डीआरएस के फैसले बिल्कुल सटीक साबित हुए थे। जब एमएस धोनी कप्तान नहीं थे तब भी तत्कालीन कप्तान विराट कोहली उनकी मदद लेते रहते थे। यही वजह रही कि डीआरएस को धोनी रिव्यू सिस्टम कहा जाने लगा था। धोनी के लिए डीआरएस लेना ज्यादा सहज इसलिए था कि वह विकेट के पीछे होते थे। उनका निर्णय सही और सटीक रहता था।
ऐसे लेना पड़ा रोहित को रिव्यू
वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए पहले एकदिवसीय मैच में भारत को तीन बार रिव्यू लेना पड़ा। तीनों ही रिव्यू बिल्कुल सही साबित हुए थे। वेस्टइंडीज की पारी के 12वें ओवर में वाशिंगटन सुंदर की बॉल पर डैरेन ब्रावो को अंपायर ने नॉटआउट दिया था, जिसके बाद भारत ने रिव्यू लिया और नतीजा पलट गया। डैरेन ब्रावो का आउट होना पड़ा। पारी के 20वें ओवर में युजवेंद्र चहल की बॉल पर भी निकोलस पूरन के फैसले को अंपायर को बदलना ही पड़ा। वेस्टइंडीज की पारी के 22वें ओवर में जब बॉल बल्लेबाज के बल्ले के पास से निकली और पंत के दस्ताने में पहुंची, तब अंपायर ने उसे आउट नहीं दिया। विराट कोहली के कहने पर रोहित शर्मा ने रिव्यू लिया और बिल्कुल सही साबित हुआ।