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पत्नियों का टिकट काट कर पतियों पर लगाया दांव, दयाशंकर और संजय यहां से लड़ेंगे चुनाव

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के लिए टिकट पा कर चुनाव मैदान में पहुंचने सियासी तिकड़म ज्यादा मायने रख रही है। भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को 45 उम्मीदवारों की नई सूची जारी की है। भाजपा की इस सूची में सबसे ज्यादा चर्चा दयाशंकर सिंह की है। दयाशंकर सिंह को बलिया से टिकट दिया गया है। ज्ञात हो कि दयाशंकर सिंह की पत्नी और योगी सरकार में मंत्री स्वाती सिंह का सरोजनीनगर से टिकट काट दिया गया है। स्वाती सिंह को टिकट नहीं दे कर राजेश्वर सिंह को मैदान में उतारा गया है। अमेठी के राजा संजय सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने टिकट दिया है। इससे पहले संजय सिंह की पत्नी गरिमा सिंह इस सीट से विधायक थीं। बीजेपी ने इस बार गरिमा सिंह का टिकट काटकर संजय सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है।

बड़बोले नेताओं के कटे टिकट

बलिया के बेरिया से विधायक सुरेंद्र सिंह जो कि अपने तीखे बयानों के लिए चर्चा में रहते थे, उनकी जगह इस बार आनंद स्वरूप शुक्ला को उम्मीदवार बनाया गया है। सुरेन्द्र सिंह का टिकट काट दिया गया है। बताया जा रहा है कि सुरेंद्र सिंह निर्दलीय नामांकन कर सकते हैं। वे 8 फरवरी को अपनी सीट बैरिया से ही निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं।

बीजेपी ने लंभुआ से अपने एक और विधायक देवमणि द्विवेदी का भी टिकट काट दिया है। देवमणि द्विवेदी भी योगी सरकार के खिलाफ अलग-अलग प्लेटफार्म पर विराधाभासी बातें लिखते रहे हैं। उन्होंने सरकार के खिलाफ कोरोना के दौर में मोर्चा खोल दिया था। बीजेपी की इस सूची में बाराबंकी से राम कुमारी मौर्य, अमेठी से संजय सिंह, सगड़ी से वंदना सिंह, मोहम्मदाबाद से अलका राय, गाजीपुर से राज्य संगीता बलवंत बिंद को टिकट मिला है। कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले मनीष जायसवाल को पार्टी ने पडरौना से टिकट दिया है।