उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा मामला आया है। कानपुर पहुंचे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के साथ एक महिला दारोगा पिंकी यादव और सिपाही अतुल यादव को फोटो वायरल हो रहा है। शिवपाल यादव के साथ महिला दारोगा पिंकी यादव और सिपाही अतुल यादव खिंचाना महंगा पड़ गया। यह तस्वीर उस रथ की है जिसमें शिवपाल सवार होकर पूरे प्रदेश में परिवर्तन यात्रा कर रहे थे। अब तस्वीर के वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में महिला दरोगा व सिपाहियों को एडिशनल पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने लाइन हाजिर कर दिया है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा है कि एक फोटो के वायरल होने का मामला संज्ञान में आया है, मामले में जांच बैठा दी है। जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
कानपुर में तैनात एक सिपाही अतुल यादव की फेसबुक पोस्ट ने हंगामा खड़ा कर दिया है। उसने फेसबुक पोस्ट में लिखा है- कानपुर कमिश्नरेट में ‘यादवों’ को सभी थानों-चैकियों से हटा दिया गया है। आखिर यादवों के प्रति इतनी नफरत क्यों? अतुल यादव अभी चकेरी थाने में तैनात है। अतुल यादव की पोस्ट के बाद हंगामा और बढ़ गया। आचार संहिता के बीच अपनी पोस्ट पर उसने सरकार और कानपुर पुलिस कमिश्नरेट पर यादव जाति के पुलिसवालों को चार्ज नहीं देने पर सवाल उठाया है।
कांस्टेबल ने शिवपाल यादव समेत अन्य नेताओं के साथ अपनी फेसबुक पर कई फोटो भी पोस्ट की है। ज्ञात हो कि कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के दायरे में 33 थाने आते हैं लेकिन एक भी थाना प्रभारी यादव नहीं है। यादव बिरादरी के चैकी इंचार्ज हैं या नहीं फिलहाल इसकी कोई जानकारी पुलिस महकमा नहीं दे सका है। पोस्ट के बाद एक बार फिर जातिगत थाने-चैकी की पोस्टिंग पर अफसरों ने मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। विधानसभा चुनाव से पहले जातिगत समीकरण तेज हो गये हैं।