एक किसान की बेटी ने देश ही नहीं दुनियाभर में अपना और अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया है। महज 17 वर्ष की आयु में तमिलनाडु की बेटी स्वेगा समीनाथन ने अमेरिका के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से करीब तीन करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति पाई है।
तमिलनाडु के इरोड जिले के गांव में रहती हैं स्वेगा समीनाथन
तमिलनाडु के इरोड जिले की निवासी 17 वर्षीय लड़की स्वेगा समीनाथन को अमेरिका में शिकागो विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल करने के लिए पूरे तीन करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली है। स्वेगा समीनाथन के पिता एक किसान है। उनका परिवार इरोड जिले के कसीपालयम नामक एक छोटे से गांव में रहता है। संस्था से जुड़कर सीखा नेतृत्व कौशल
इस उपलब्धि को पाने में स्वेगा की मदद डेक्सटेरिटी ग्लोबल संस्था ने की। डेक्सटेरिटी ग्लोबल की ओर से बताया गया कि इरोड के कसीपालयम गांव की रहने वाली है, संस्था से जुड़कर उसने नेतृत्व विकास और करियर विकास कार्यक्रमों के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया।
संस्था को दिया सफलता का श्रेय
वहीं, स्वेगा ने अपनी उपलब्धि का श्रेय भी डेक्सटेरिटी ग्लोबल और इसके संस्थापक शरद सागर को दिया है। छात्रवृत्ति पर खुशी व्यक्त करते हुए स्वेगा समीनाथन ने बताया कि जब वह 14 साल की थी, तब उसे डेक्सटेरिटी ग्लोबल द्वारा पहचाना और तैयार किया गया था।