रिर्पोट :- गौरव सिंघल,वरिष्ठ संवाददाता,दैनिक संवाद,सहारनपुर मंडल।
सहारनपुर। अनुसूचित जाति के बेरोजगार युवकों के आर्थिक उत्थान के लिए युवाओं को स्वरोजगार का अवसर दिये जाने के लिए सस्ती दर पर ऋण मुहैया कराया जा रहा है। प्रदेश सरकार की इन योजनाओं के माध्यम से अनुसूचित जाति के लोगों को स्वरोजगार से जोड़ कर आत्मनिर्भर बनाना है। सभी योजनाओं में आवेदन पत्र में जाति, आय प्रमाण पत्र, आधारकार्ड, राशनकार्ड, दो फोटो आदि संलग्न करना आवश्यक है। सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र निर्गत हो। अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड के जिला प्रबन्धक कमलेश कुमार ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम अनुसूचित जाति के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना का संचालन किया है।
इस योजना में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति के युवक एवं युवतिंयों को किसी व्यवसाय के लिए बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें निगम द्वारा अधिकतम 10000 रूपये अनुदान एवं परियोजना लागत का 25 प्रतिशत मार्जिन मनी ऋण 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर जिसकी वसूली 36 मासिक किस्तों में की जाती है। शेष बैंक ऋण बैंक व्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। कमलेश कुमार ने बताया कि शहरी क्षेत्र दुकान निर्माण योजना के अन्तर्गत गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति के ऐसे व्यक्ति जिनके पास शहरी क्षेत्र अथवा ग्रामीण क्षेत्र में व्यवसायिक स्थल पर स्वंय की भूमि एवं प्लाट अभिलेखों सहित उपलब्ध हो तथा उस भूमि पर दुकान निर्मित करना चाहता हो, को दुकान निर्माण के लिए 78000 रूपये की ऋण उपलब्ध कराया जाता है। जिसमें निगम द्वारा अधिकतम 10000 रूपये अनुदान तथा शेष 68000 रूपये ब्याज मुक्त ऋण के रूप में दिया जाता है। जिसकी वसूली 120 मासिक किस्तो में की जाती है। अनूसुचित जाति के इच्छुक एवं पात्र व्यक्ति, विभिन्न प्रदेशो से वापस आ रहे श्रमिको को ग्रामीण क्षेत्र से सम्बन्धित अपने विकास खण्ड मे नियुक्त सहायक एवं ग्राम विकास अधिकारी (स0क0) एवं शहरी क्षेत्र के पात्र व्यक्ति किसी भी कार्य दिवस में जिला प्रबन्धक उत्तर प्रदेश अनुसूचितजाति वित्त एवं विकास निगम लि0 कार्यालय में उपस्थित होकर जानकारी प्राप्त कर सकते है।