हरिद्वार के वीआईपी घाट पर गुरुवार को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह की अस्थियों का विसर्जन किया गया। अस्थियों के विसर्जन के दौरान लोग बसी घाट पर ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, बाबू जी का नाम रहेगा’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते रहे।
इस दौरान उनके बेटे सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया और उनके पोते राज्य मंत्री संदीप सिंह, उनकी धर्मपत्नी प्रेमलता, छोटे बेटे सौरभ, विधायक देवेंद्र सिंह लोधी, विधायक देवेंद्र राजपूत, विधायक अनीता लोधी, चरण सिंह , ब्लाक प्रमुख उदयवीर सिंह लोधी, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद, भाजपा पार्षद दल के नेता सुनील गुड्डू और रोहित मौजूद रहे।
अंतिम दर्शन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का अस्थि कलश उनके गांव मढौली स्थित पैतृक बाग में रखा गया था। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का निधन विगत 21 अगस्त को हो गया था। इसके मद्देनजर उत्तराखंड में 22 अगस्त रविवार को एक दिन का राजकीय शोक रखा गया था।
कल्याण सिंह का निधन लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) में हुआ था। वो बीते चार जुलाई से अस्पताल में भर्ती थे। डॉक्टरों ने बताया कि सेप्सिस और मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण उनका निधन हुआ। वह 89 वर्ष के थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रदेश में तीन दिन के राजकीय शोक और 23 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की थी।
कल्याण सिंह ने निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा था कि ‘आने वाली पीढ़ियां कल्याण के सांस्कृतिक पुनरुत्थान को लेकर दिए गए योगदान के प्रति सदैव कृतज्ञ रहेंगे। उन्होंने हासिये के करोड़ों व्यक्तियों के उत्थान के लिए न सिर्फ काम किया, बल्कि उनकी आवाज भी बने। उन्होंने किसानों, युवाओं और महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए अनगिनत काम व प्रयास किए।’