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अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े हुए वरुण गांधी, किसानों के समर्थन में किया ट्वीट, कहा- वो ….

पीलीभीत(philibhit) से भाजपा सांसद और फायरब्रांड नेता वरुण गांधी(varun Gandhi) ने अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे और किसानों का समर्थन कर रहे हैं. वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, मुजफ्फरनगर(muzffarnagar) में आज लाखों किसान धरना प्रदर्शन में जुटे हैं। वे हमारे अपने खून हैं। हमें उनके साथ सम्मानजनक तरीके से फिर से जुड़ने की जरूरत है। उनके दर्द, उनके दृष्टिकोण को समझें और आम जमीन तक पहुंचने के लिए उनके साथ काम करें।

बता दें कि वरुण गांधी(varun Gandhi) पहले और इकलौते ऐसे भाजपा सांसद हैं, जिन्होंने इतना खुलकर किसानों का समर्थन किया है। इससे पहले भी वरुण गांधी अपनी ही पार्टी और सरकार के खिलाफ बोलते नजर आ चुके हैं, जिससे पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा हुई है।

बता दें कि साल 2013 में जब वरुण गांधी पश्चिम बंगाल(west Bengal) में भाजपा(BJP) के प्रभारी थे। उस समय कोलकाता के परेड ग्राउंड में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी(narendra modi) की रैली थी। तब रैली का पूरा प्रबंध वरुण गांधी ने ही किया था। पश्चिम बंगाल में भाजपा के जनाधार के हिसाब से अच्छी रैली हुई थी, लेकिन वरुण ने अगले दिन अखबार वालों से कहा कि रैली विफल रही। बस यहीं से भाजपा और वरुण गांधी के रिश्तों में कड़वाहट शुरु हुई।

 

 

वहीं साल 2014 में सुल्तानपुर(sultanpur) लोकसभा सीट से वरुण गांधी चुनाव लड़ने गए, तो पीलीभीत से अपने कार्यकर्ताओं को साथ ले गए। स्थानीय भाजपा नेताओं को कोई भाव नहीं दिया। इसके अलावा उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में किसी भी भाजपा नेता को प्रचार नहीं करने दिया। चुनाव प्रचार के दौरान एक दिन वरुण जब मंच से बोल रहे थे, तो मोदी-मोदी के नारे लगने लगे। इस पर उन्होंने मंच से ही डांटा कि मोदी-मोदी क्या है? इसके बाद जब अमित शाह अध्यक्ष बने, तो उन्हें पार्टी के महासचिव पद से हटा दिया गया।

साल 2015 में कानपुर(kanpur) के एक कार्यक्रम में वरुण गांधी ने कहा था कि दूसरे दलों की तुलना में भाजपा में युवाओं को आने का मौका कम मिलता है। इस बयान को मोदी की युवा नीति के खिलाफ माना गया था।

साल 2017 में इंदौर में वरुण गांधी ने रोहित वेमुला(rohit vemula) के सुसाइड का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि रोहित वेमुला का सुसाइड नोट पढ़कर उन्हें रोना आ गया। किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर कहा कि देश में कर्ज वसूली में भेदभाव किया जा रहा है। अमीरों को तो रियायत दे दी जाती है, लेकिन गरीब को जान देनी पड़ती है।

साल 2017 में रोहिंग्या को शरण देने को लेकर वरुण गांधी ने एक आर्टिकल एक अखबार के लिए लिखा था। तब उन्होंने कहा था, अतिथि सत्कार और शरण देने की अपनी परंपरा का पालन करते हुए हमें शरण देना निश्चित रूप से जारी रखना चाहिए। हमें म्यांमारी रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण जरूर देनी चाहिए, लेकिन इससे पहले वैध सुरक्षा चिंताओं का आंकलन भी करना चाहिए। भाजपा नेता हंसराज अहीर ने उनके इस बयान की आलोचना की थी।