कोरोना संक्रमण की बेकाबू रफ्तार के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग के फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए बड़ा ऐलान किया है.सीएम योगी ने कहा कि डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी ही नहीं बल्कि लैब में कार्यरत कार्मिक और चिकित्सा छात्र-छात्राओं को भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
चिकिस्ता शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अनुमान के मुताबिक, वर्तमान में करीब 2155 डॉक्टर, 3090 स्टाफ नर्स, 1540 वार्ड ब्वॉय और 1540 सफाईकर्मियों की आवश्यकता है, जबकि इससे कम मानव संसाधन ही उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि कोविड का वर्तमान स्ट्रेन लगातार रूप बदल रहा है. कोरोना के कुछ मामलों में देखा गया है कि कोविड टेस्ट में भी संक्रमण की पुष्टि नहीं हो रही है, जबकि सीटी स्कैन में पता लग रहा कि लंग्स कोविड से प्रभावित हैं. ऐसे में अधिक सतर्कता के साथ काम करने की जरूरत है.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कोविड अस्पतालों में कार्यरत डाक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और सफाईकर्मियों (नियमित अथवा आउटसोर्सिंग) को वर्तमान में दिए जा रहे मूल वेतन और नियत मानदेय पर 25 फीसद अतिरिक्त प्रोत्साहन धनराशि का भुगतान किया जाएगा।
इसके अलावा एमबीबीएस इन्टर्न को 500 रुपये, एमएससी नर्सिंग छात्र-छात्राओं को 400 रुपये, बीएससी नर्सिंग छात्र-छात्राओं को 300 रुपये, एमबीबीएस अंतिम वर्ष और जीएनएम छात्र-छात्राओं को 300 रुपये प्रतिदिन दैनिक मानदेय पर तैनात किया जाएगा।
वहीं, सैंपल की जांच के लिए लैब और उनसे संबंधित क्षेत्रों में तैनात किए जाने वाले मालिक्यूलर माइक्रोबायोलाजिस्ट, लैब टेक्नीशियन, डाटा एंट्री आपरेटर, लैब अटेंडेंट को इनके मूल वेतन या मानदेय की राशि पर दस फीसद अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने स्पष्ट किया कि यह प्रोत्साहन धनराशि चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आने वाले राजकीय चिकित्सालयों में ही लागू होगी। साथ ही यह पैसा कोविड वार्ड या लैब में ड्यूटी दिवसों के आधार पर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि एक्टिव क्वारंटाइन की अवधि को भी ड्यूटी दिवसों में ही जोड़ा जाएगा। फिलहाल यह योजना एक मई से 31 जुलाई तक के लिए है।