वो उस युवती को कभी बातों में बहला कर, कभी जादू का जोर चला कर, सुनसान बियाबान में ले जाकर अघोरी साधना का ढोंग रचता रहा और वासना का सुख लेता रहा. महिला उसकी बातों में आती रही और अपना सब कुछ लुटाती रही. साल भर इसी तरह से खेल चलता रहा. एक दिन ढोंगी के ढोंग का ढक्कन उघड़ गया और असली चेहरा दुनिया के सामने खुल गया. जादू टोने से पैसे की बारिश का करतब दिखाने वाले इस ढोंगी का भंडाफोड़ महाराष्ट्र के वर्धा जिले की रामनगर पुलिस स्टेशन की पुलिस ने किया है और इस मामले में ढोंगी वहशी के साथ इसके एक सहयोगी को भी अरेस्ट किया है. आरोपी का नाम बालू उर्फ प्रवीण मंगरूलकर और किशोर सुपारे है. पुलिस ने इन्हें तीन दिनों की कस्टडी में रखा है.
जानकारी के मुताबिक 21 साल की पीड़िता के सिर से पिता का साया उठ गया था. इसके बाद वह अपनी मां और अपने एक रिश्ते में काका के साथ रह रही थी. अच्छी जगह से पढ़ाई पूरी करने के लिए पीड़िता ने आठवीं से दसवीं तक की पढ़ाई अपने गांव के पास के सबसे करीबी वर्धा शहर से पूरी की. युवती वर्धा जिले के हिंगणघाट प्रखंड के एरणगाव की रहने वाली है. सबसे पहले इस ढोंगी वालू मंगरूलकर ने पीड़िता को अपने जाल में फंसाने के लिए उसकी मां और काका से मुलाकात की और उन्हें पैसे की बारिश करवाने वाले मंत्र को जानने का झांसा दिया. सारे कर्ज चुक जाने और मालामाल हो जाने के लालच में पड़ कर ढोंगी जो-जो उनसे कहता गया, वो वैसा-वैसा करते गए. ढोंगी ने पहले पीड़िता की मां और उसके काका को पीड़िता के साथ वर्धा के कारला चौक में बुलाया. इसके बाद अपने ढोंग और पाखंड का मायाजाल चलाकर वह पीड़िता को कभी नांदगाव, कभी ऐरणगांव के अलग-अलग ठिकानों में ले गया और साधना के बहाने निर्वस्त्र कर अपनी वासना की आग बुझाता रहा.
निर्वस्त्र कर शरीर पर नींबू मिर्ची रख करता था साधना का नाटक
अघोरी साधना के नाम पर वह पीड़िता को पहले निर्वस्त्र होने के लिए कहता था. फिर उसके शरीर पर नींबू-मिर्ची रख कर साधना का नाटक करते हुए अपनी असलियत पर उतर जाता था. पीड़िता इसका विरोध करती थी तो मां और काका उसे धमका कर फिर से ढोंगी तांत्रिक के पास ले आते थे और कहते थे कि जैसा बाबा बता रहे हैं वैसा वो करे. एक वक्त ऐसा आया कि पीड़िता बार-बार के इस बलात्कार से तंग आकर घर से निकल भागी. पीड़िता की गुमशुदगी की रिपोर्ट रामनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई. पुलिस ने जब पीड़िता को ढूंढा तो पीड़िता ने पुलिस को सारी कहानी बयां की. इसके बाद पुलिस ने तथाकथित अघोरी बाबा के कारनामे का भंडाफोड़ किया.
पुलिस अधीक्षक प्रशांत होलकर, उपविभागीय पुलिस अधिकारी पीयूष जगताप के निर्देश पर पुलिस निरीक्षक धनाजी जलक ने इस केस का पूरा ब्योरा अंधविश्वास निवारण समिति के राज्य संगठन सचिव पंकज वंजारे को बताया. पंकज वंजारे ने फिर इस पाखंडी की पूरी डिटेल निकाली. इसकी मदद से इस पाखंडी और उसके साथी को पकड़ा. न्यायालय ने दोनों आरोपी को तीन दिन की पुलिस कस्टडी दी है.
पाखंडी ने चंद्रपुर, नागपुर जिले में अलग-अलग जगहों पर कुकृत्य किया
पीडिता की मां और काका पीड़िता को लेकर कभी वर्धा जिले के ऐरणगांव गए तो कभी चंद्रपुर जिले के कुछ गांव गए तो कभी नागपुर जिले के काटोल इलाके में गए. इन सब जगहों पर इस वहशी पाखंडी ने पीड़िता के साथ तथाकथित साधना क्रिया पूरी की. ये ढोंगी अपने शिकार को फंसाने के लिए कोड लैंग्वेज का भी इस्तेमाल किया करता था. इसके कोड लैंग्वेज में डी आर मतलब मंत्र, कोरा पेपर मतलब कुंआरी, विधवा पेपर मतलब विधवा महिला होता था. इन सबको वह पैसे की बारिश करवाने के झांसे में लाता था और अपनी हवस की भूख मिटाता था.