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बाहुबली विधायक मुख्तार के लिए एम्बुलेंस बनेगी सिरदर्द, बुलेटफ्रूफ है एम्बुलेंस, सरकार कराएगी जांच

बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को जब मोहाली कोर्ट में पेश किया गया तो सबकी निगाहें अचानक एम्बुलेंस पर जा टिकीं। इसी एम्बुलेंस से मुख्तार अंसारी कोर्ट पहुंचा था। इस एम्बुलेंस का नंबर UP41 AT 7171 था। उत्तर प्रदेश की एम्बुलेंस पंजाब में क्या कर रही है इसका सवाल उठने लगे। नम्बर की पड़ताल की गई तो पता चला यह नंबर राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले का है। यह एम्बुलेंस बाराबंकी के श्याम सन अस्पताल के नाम पर पंजीकृत है। इस एम्बुलेंस का पंजीयन 3 साल पहले खत्म हो चुका है। इस एम्बुलेंस के मालिक का नाम डॉ. अलका राय है। परिवहन विभाग में एम्बुलेंस मालिक का दिया गया नंबर भी गलत निकला। बाराबंकी में श्याम सन अस्पताल के बारे में जानकारी जुटाई गई तो पता चला यह अस्पताल मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की ब्रांच थी। इसकी मालिक डॉक्टर अलका राय ही हैं। एम्बुलेंस को मुख्तार अंसारी ने निजी तौर पर किराए पर ले रखा है। मुख्तार अंसारी बीमारी के नाम पर जब भी जेल से कोर्ट जाता था। वह इसी एम्बुलेंस का इस्तेमाल करता है। ज्ञात हो कि मोहाली के एक बिल्डर से फिरौती मांगने के मामले में मुख्तार अंसारी की बुधवार को मोहाली कोर्ट में पेशी थी। मुख्तार अंसारी रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट पहुंचा था।

सरकार हुई सख्त
बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के लिए यही एम्बुलेंस मुख्तार के लिए नया सिरदर्द बनने जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुख्तार अंसारी के लिए पंजाब भेजी गई एंबुलेंस लग्जरी और बुलेट प्रूफ है। सरकार इसकी जांच कराएगी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस सरकारों ने मुख्तार अंसारी को सपोर्ट किया। उसी का परिणाम है कि आज सबसे बड़ा गैंगस्टर बन गया है।

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यह है एम्बुलेंस के पीछे की कहानी
एम्बुलेंस मऊ की डॉ अलका राय के अस्पताल श्याम संजीवनी के नाम से पंजीकृत है। इसका नंबर बाराबंकी जनपद से जारी किया गया है। इस बारे में डॉ अलका राय ने कहा कि 2013 में मऊ सदर से विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि ने हॉस्पिटल के नाम से एम्बुलेंस संचालित करने के लिए हस्ताक्षर करवाए थे। एम्बुलेंस उसके बाद कहां आई? कहां गई? इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। अलका राय ने कहा कि मऊ जनपद में श्याम संजीवनी हॉस्पिटल के नाम से उनका एक हॉस्पिटल है। एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन बाराबंकी जनपद से किया गया है। जहां उनका कोई हॉस्पिटल या संस्था संचालित नहीं है। श्याम संजीवनी अस्पताल बाराबंकी से मेरा कोई लेना देना नहीं है।