साथ ही सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो भी लोग प्रतिबंध के बावजूद भी बिना लाइसेन्स के अवैध तरीके से शराब का निर्माण कर धड़ल्ले से बेच रहे हैं उन पर कड़ी नजर रखी जाए। प्रदेश में अवैध शराब पीने की वजह से अगर एक भी व्यक्ति की मौत होती है तो न सिर्फ शराब बेचने वाले पर कड़ी कार्रवाई होगी बल्कि उस क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों और पुलिस कर्मियों पर भी सख्त एक्शन लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी अवैध शराब के कारोबार का समूल नाश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने ऐसे कारोबारियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाने के साथ उनकी संपत्ति भी जब्त करने का निर्णय लिया है ताकि भविष्य में कोई भी इस प्रकार की हरकत न कर सके।
गौरतलब है कि यूपी सरकार के प्रयासों से आबकारी विभाग के राजस्व में भी रिकॉर्ड वृद्धि देखने को मिली है। राजस्व में आई तेजी से वृद्धि का प्रमुख कारण योगी सरकार की नई आबकारी नीति रही है। नई आबकारी नीति के माध्यम से बाजार को विनियमित किया गया और अवैध निर्माण से जुड़े काले कारोबार पर सख्ती से काबू पाया गया है। जिसके सकारात्मक परिणाम सामने हैं। जहां 2016-17 में आबकारी विभाग को 13,000 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई थी। वहीं साल 2020-21 में आबकारी विभाग को 28,340 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में आबकारी विभाग को 34,500 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।