देशभर में 1 अप्रैल 2021 से केंद्र सरकार नया वेज कोड (New Wage Code) लागू कर सकती है. अगर यह लागू होता है तो आपकी सैलरी स्ट्रक्चर के साथ पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन से लेकर ग्रेच्युटी और टैक्स दानदारियों में भी बदलाव आएगा. इसके साथ ही Wage Code Bill 2019 के मुताबिक श्रम की परिभाषा भी बदल जाएगी. नई परिभाषा के मुताबिक वेज का मतलब होगा कर्मचारियों के कुल वेतन का कम से कम 50 फीसदी. यह नया नियम प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के वेतनमान पर भी लागू होगा.
टेक होम सैलरी हो सकती है कम
इससे पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन के साथ ग्रेच्युटी आदि बढ़ जाएगा और कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में कमी देखने को मिल सकती है. नए कोड वेज से भले ही आपकी टेक होम सैलरी कम हो सकती है लेकिन रिटायरमेंट बेनिफिट फंड जैसे पीएफ, ग्रैच्यूटी में ज्यादा पैसा जमा होगा. यह आपकी भविष्य की आर्थिक सुरक्षा के लिए बेहतर साबित हो सकता है.
CTC के बदल जाएंगे नियम
सीटीसी में बेसिक वेज, एचआरए और रिटायरमेंट बेनिफिट जैसे पीफ, ग्रेच्यूटी एक्रुअल, एनपीएस जैसे तीन चार कंपोनेट होते हैं. नए वेज कोड में प्रावधान किया गया है कि कर्मचारियों की बेसिक सैलरी कुल CTC का कम से कम 50% होगा, इसका मतलब है कि मासिक भत्ता कुल CTC के 50% से अधिक नहीं होगा. CTC की रकम कर्मचारी की टेक होम सैलरी के बराबर कभी नहीं होती.
ग्रेच्युटी में बदलाव
अभी किसी कंपनी में लगातार 5 साल काम करने के बाद ग्रेच्युटी मिलती है, लेकिन नए कानून के तहत कर्मचारी केवल 1 साल काम करने के बाद ग्रेच्युटी के हकदार होंगे. 7वें वेतन आयोग की गाइडलाइन्स के मुताबिक, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए DA की दर 17% है. इसमें केंद्र सरकार ने 4% की वृद्धि को मंजूरी दी है, यह 21% हो गई है.
सैलरी का टैक्स फ्री और टैक्सेबल पार्ट
नए नियमों के मुताबिक, बेसिक सैलरी, स्पेशल अलाउंस, बोनस आदि पूरी तरह टैक्सेबल हैं. वहीं, फ्यूल एंड ट्रांसपोर्ट, फोन, अखबार और किताबों आदि के लिए मिलने वाले भत्ते पूरी तरह टैक्स फ्री हैं. वहीं, HRA पूरी तरह या फिर उसका कुछ हिस्सा टैक्स फ्री हो सकता है. साथ ही बेसिक सैलरी के 10% के बराबर NPS कॉन्ट्रीब्यूशन भी टैक्स फ्री है. वहीं, ग्रैच्युइटी में 20 लाख रुपये तक की राशि टैक्स फ्री है.