रोजगार पाने की तलाश में प्रवासी मजदूर अपना गांव छोड़ कर शहरों में आकर काम कर रहे है. इन लोगों में कमजोर वर्ग के साथ साथ फैक्ट्रियों में काम कर रहे लोग भी आते हैं. उनको रहने की सुविधा देने का विचार केंद्र सरकार ने अपने 2021 बजट में पेश किया. बजट में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-हाउसिंग फॉर ऑल (Housing For All) के अंतर्गत अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स योजना की घोषणा की थी. अब इस योजना को यूपी कैबिनेट से (UP Cabinet) मंजूरी भी प्राप्त हो गई है.
‘किफायती रेंटल आवास योजना‘
‘आत्मनिर्भर भारत‘ योजना केंद्र सरकार की है, इसके अंतर्गत आवासीय और शहरी कार्य मंत्रालय ने प्रवासी शहरी गरीब मजदूरों के लिए ‘किफायती रेंटल आवास और कॉम्प्लेक्स (ARHC) स्कीम का आरंभ कर दिया है. इस योजना में शहरी प्रवासियों और गरीबों के लिए किराए के घर बनवाए जाएंगे. इन घरों के निर्माण और संचालन के लिए सरकारी और प्राइवेट दोनों कंपनियां इसमें अपनी भागीदारी दिखाएंगी.
किन लोगों को होगा फायदा
केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ गरीब मजदूरों, शहरी प्रवासी, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों, पर्यटक ,शिक्षण संस्थाओं, और छात्र होंगे. इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, विधवाओं और कामकाजी महिलाओं, दिव्यांग, अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता दी जाएगी. अपने विभागों के लिए राज्य सरकार दिशा निर्देश देगी. इन निर्देशों को ध्यान में रखते हुए ही कोई भी एजेंसी इस योजना का भागीदार बन सकती है और अप्लाई करने के लिए नगर निकाय का सहारा ले सकती है.
ये मिलेंगी सुविधाएं
इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट जैसे बाउंड्रीवॉल, रास्ते, ग्रीन एरिया, आन्तरिक सड़कें, खुली जगह, पानी की सप्लाई, सीवेज, बिजली को सम्मिलित किया जाएगा. इनके घरों में बिस्तर, अलमारी, साइड टेबल, रसोई और शौचालय जैसी मूलभूत हर सुविधाएं दी जाएंगी. कम से कम 25 साल कर ही EWS/LIG वर्ग के शहरी प्रवासियों, गरीबों को किराए के लिए ये घर दिए जाएंगे. इस योजना के अंतर्गत अगर जिसको किराए पर रहने के लिए घर दिया गया है, उसके अलावा उसने किसी और को मुनाफे के लिए घर किराए पर दे दिया तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा.