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विकासखंड शुकुल बाजार के अंतर्गत केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कई योजनाएं चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट

रिपोर्ट : सुशील मिश्रा शुकुल बाजार अमेठी:  विकासखंड शुकुल बाजार के अंतर्गत केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कई महत्वकांक्षी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई । कुछ ग्राम सभाओं में शिकायत के बाद भी महज खानापूर्ति कर मामला रफा-दफा कर दिया गया जबकि विकासखंड शुकुल बाजार के अंतर्गत निर्मित गौशालाओं में भारी भ्रष्टाचार किया गया। लाभार्थियों को लाभ न देकर ग्राम प्रधानों द्वारा महेश 35 से 40 हजार कीमत की सामग्री उपलब्ध कराई गई जबकि अस्सी हजार से एक लाख बीस हजार  तक प्रति गौशाला का खर्च दिखाया गया।

 

कुछ इसी तरह विकासखंड के कई ग्राम सभाओं में केंद्र सरकार की अति महत्वकांक्षी योजना खुले में शौच से मुक्त भारत भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई निर्माण के 2 साल के अंदर कई शौचालय नेस्तनाबूद हो गए कई शौचालय जर्जर हो गए आज भी खुले में शौच के लिए ग्रामीण जा रहे हैं सरकार की मंशा तो फलीभूत नहीं हुई खुले में शौच से विकासखंड शुकुल बाजार मुक्त तो नहीं हुआ लेकिन योजना के नाम पर लाखों रुपए के वारा न्यारा ग्राम प्रधान एवं अधिकारियों कर्मचारियों के जरूर हो गए। कई ग्राम सभाओं में धन निर्गत किया  गया लेकिन लाभार्थियों को पता तक नहीं चला ठेकेदारी प्रथा से गुणवत्ता विहीन शौचालय बनाए गए यही नहीं क्षेत्रीय लोगों ने किसी बड़ी एजेंसी से निष्पक्ष मनरेगा के कार्यों सहित गौशाला, शौचालय, आवास आदि कार्यों की जांच कराए जाने की मांग की है। क्षेत्रीय लोगों की मानें तो अगर निष्पक्ष जांच बड़ी एजेंसी से करा दी जाए तो शुकुल बाजार विकासखंड के अंतर्गत कई ग्राम सभाओं में कई लाखों के सरकारी धन के अधिकारी और प्रधानों के बंदरबांट के भ्रष्टाचार उजागर होंगे।

अगर विकासखंड की बात की जाए तो यह रकम करोड़ों में पहुंच सकती है यही नहीं कई ग्राम सभाओं में जहां पात्र लाभार्थियों को आवास नहीं मिला वही अपात्र लाभार्थियों को आवास मिला कई ग्राम सभाओं में गौशाला ऐसे अपात्र लोगों को दी गई जिनके पास एक भी जानवर नहीं है ज्यादातर गौशाला लाभार्थी गौशाला में जानवर ना रखकर स्वयं के रहने में इस्तेमाल करते हैं। इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी अमेठी ने जांच कराए जाने की बात कही।