Breaking News

बनने के 1 महीने के अंदर ही जर्जर हो गई इंटरलॉकिंग सड़क

रिपोर्ट : सुशील मिश्रा शुकुल बाजार अमेठी-  विकास के नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए खर्च करने वाली ग्राम सभा मवैया रहमत गढ़ के अंतर्गत कुछ इस तरह विकास होता है कि बनने के महज एक महीने के अंदर इंटरलॉकिंग सड़क जर्जर हो जाती है। कटरा चौराहा से बनी धनेशा पाठक के लिए सड़क की पटरी आगे बन रही थी पीछे उखड़ रही थी कुछ इस तरह घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था उसके बाद दूसरा मामला कस्बा अंदर तालाब के बीचो बीच से अति शीघ्रता और जल्दबाजी में बनाई गई इंटरलॉकिंग सड़क बनने के 1 महीने के अंदर ही ध्वस्त हो गई.

अब सवाल यह उठता है कि बिना मानक और गुणवत्ता के क्यों इस तरह की सड़कों का निर्माण किया जाता है। जबकि कस्बा वासियों की माने तो यहां कभी सड़क नहीं थी जिन घरों के लिए सड़क बनाई गई उन घरों के आवागमन के लिए रास्ते दूसरी तरफ से भी थे ऐसे में सवाल यह नहीं उठता की सड़क क्यों बनाई गई सड़क बनाई गई अच्छी बात है लेकिन पहले एक सीजन में कच्ची पटाई की जाती बरसात में मिट्टी सही से पट जाती उसके बाद इंटरलॉकिंग लगाया जाता लेकिन ऐसी क्या जल्दी थी कि सरकारी धन को पानी में बहा दिया गया। लोगों की माने तो बरसात के बाद लाखों की लागत से बनी यह इंटर लॉकिंग सड़क पूर्णतया तालाब में बह सकती है।