लखनऊ:- आईपीएस वैभव कृष्ण को एक साल डेढ़ महीने के बाद गुरुवार को बहाल कर दिया गया। नौ जनवरी 2020 को एसएसपी नोएडा रहते हुए उन्हें निलंबित किया गया था। उन पर गोपनीय जांच रिपोर्ट को लीक करने का आरोप लगा था। इसके साथ ही एक महिला के साथ उनकी कथित विडियो चैट वायरल हुई थी। इसको लेकर उनकी तरफ से नोएडा में ही एफआईआर दर्ज कराई गई थी। वर्ष 2010 बैच के आईपीएस अफसर वैभव कृष्ण की गिनती ईमानदार अफसर के रूप में होती है। नोएडा में तैनाती के दौरान ताबड़तोड़ कार्रवाई को लेकर वह काफी चर्चा में भी रहे।
नोएडा में तैनाती के दौरान कथित पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद तबादलों व पोस्टिंग में नोएडा के पूर्व एसएसपी डॉ. अजयपाल शर्मा, तत्कालीन एसपी सुल्तानपुर हिमांशु कुमार, तत्कालीन एसएसपी गाजियाबाद सुधीर कुमार सिंह, तत्कालीन एसपी बांदा गणेश साहा, तत्कालीन एसपी कुशी नगर आर एन मिश्रा की भूमिका को लेकर वैभव कृष्ण द्वारा शासन को भेजी गई एक रिपोर्ट लीक हो गई थी। इस रिपोर्ट के लीक होने के लिए वैभव कृष्ण को दोषी बताते हुए निलंबित कर दिया गया था।
हालांकि, बाद में वैभव कृष्ण की रिपोर्ट के आधार पर इन सभी अफसरों को उनके पदों से हटा दिया गया था। साथ ही इस संबंध में एसआईटी का गठन कर जांच कराई गई थी। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर बाद में डॉ. अजयपाल शर्मा व हिमांशु कुमार के खिलाफ विजिलेंस की जांच हुई। विजिलेंस की जांच में इन दोनों अफसरों को दोषी पाए जाने के बाद इनके खिलाफ विजिलेंस के थाने में एफआईआर दर्ज कर विवेचना की जा रही है। हालांकि वैभव कृष्ण की रिपोर्ट में शामिल बाकी अफसरों को जांच में क्लीन चिट मिल गई थी।