पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए राजस्थान के 42 अधिकारियों को ऑब्जर्वर के तौर पर लगाया गया है. इन अधिकारियों पर निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराए जाने की जिम्मेदारी होगी. इसमें 30 आईएएस और 14 आईपीएस शामिल हैं. इन सभी ऑब्जर्वर को 3 मार्च को दिल्ली के विज्ञान भवन में 9.30 बजे ट्रेनिंग दी जाएगी. चुनावों को लेकर आईएएस कुंजीलाल मीणा ,नरेश ठकराल, बाबूलाल मीणा, एनएल मीणा, राजेश यादव, नवीन जैन, पृथ्वीराज ,जोगाराम और श्रवण कुमार समेत अन्य 33 आईएएस को पर्यवेक्षक बनाया है. इसी प्रकार भूपेंद्र साहू, संदीप कुमार, संजय कुमार अग्रवाल, अमृत कलश, सुनील दत्त, विनीता ठाकुर और विपिन पांडे समेत 13 आईपीएस को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया.
पांच राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण कराये जाने के लिए सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. सभी अफसर भारत निर्वाचन आयोग के दिशा- निर्देश पर कार्य करेंगे. राजस्थान के 30 आईएएस और 13 आईपीएस पांच राज्यों में पर्यवेक्षक के तौर पर लगाए गए हैं. आयोग को फील्ड से रिपोर्ट भेजेंगे. आयोग इन अधिकारियों द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को ही अंतिम मानता है. इसी के आधार पर आयोग निर्णय लेता है. इन अधिकारियों की नजर कानून व्यवस्था और मतदान के दौरान गड़बड़ी जैसी शिकायतों पर रहेगी.
प्रदेश में चार सीटों पर होने वाले उपचुनावों की तारीखों का एलान भी अगले सप्ताह होने की संभावना है. प्रदेश की चार सीटों सहाड़ा, सुजानगढ़, वल्लभनगर और राजसमंद विधानसभा सीटों के उपचुनावों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. सहाड़ा में कैलाश त्रिवेदी, राजसमंद में किरण माहेश्वरी, वल्लभ नगर में गजेंद्र शक्तावत और सुजानगढ़ में मास्टर भंवर लाल मेघवाल के निधन के चलते इन चारों सीटों पर उपचुनाव होने है. चार में से तीन सीटों पर सत्ताधारी पार्टी का कब्जा था. उपचुनावों की तैयारियों को लेकर हाल ही में राज्य निर्वाचन आयोग की वीसी के जरिए चार जिलों के निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक भी हो चुकी है. कोरोना को देखते हुए 45 फीसदी मतदान केंद्र बढ़ाए गया.