भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर आज गुरुवार को फैसला आ गया. नीरव को अब भारत आना होगा. मामले की सुनवाई शुरू करते हुए कोर्ट ने कहा कि मैंने भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत सभी साक्ष्यों को स्वीकार कर लिया है. मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि इस बात के सबूत हैं कि नीरव मोदी को दोषी ठहराया जा सकता है. जज सैमुअल गोजी ने कहा कि यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि नीरव मोदी को भारत में कई सवालों के जवाब देने हैं. जज ने यह भी कहा कि नीरव मोदी की ओर से दिए कई आपस में मेल नहीं खाते हैं. साथ ही यह भी कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि अगर उन्हें प्रत्यर्पित किया गया तो उनके साथ न्याय नहीं होगा.कोर्ट ने यह भी कहा कि गवाहों को धमकाने की कोशिश भी गई. कोर्ट ने भारत में जेलों के हालात को लेकर संतुष्टि जताई.
ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है. उम्मीद है कि 13,000 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड केस में उसे भारत भेजा जा सकता है. कोर्ट ने उसे भारत भेजने को लेकर पिछले महीने सुनवाई के दौरान 25 फरवरी की तारीख तय की थी.
पिछले महीने सुनवाई के दौरान भारतीय जांच एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करने वाले क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) ने ब्रिटेन की कोर्ट को बताया कि नीरव मोदी एक ”पोंजी जैसी योजना” में शामिल था और वह मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार है यानी कि इसी के चलते पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ भारी धोखाधड़ी हुई. सुनवाई के दौरान नीरव मोदी वीडियो लिंक के जरिए कोर्ट में पेश हुआ. क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) ने कोर्ट को यह भी बताया था कि नीरव मोदी ने बैंक अधिकारियों के साथ साजिश रचने के बाद अपनी 3 फर्मों (डायमंड्स आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स और स्टेलर डायमंड्स) का इस्तेमाल कर बैंक को धोखा दिया. कोर्ट के सामने यह भी कहा गया कि नीरव मोदी ने गवाह को जान से मारने की धमकी दी थी.